बदलते वक्त के साथ साथ प्रचारकों को भी बदलना जरूरी होगा. आज का युवा लैपटॉप और गैजेट से लैस होकर नए युग की तरफ बढ़ निकला है, संघ को भी लगने लगा है कि अब विचारधारा के प्रचार और प्रसार के लिए नए तौर तरीके तो अपनाने ही पड़ेंगे. इसके चलते संघ दीवाली के बाद हरिद्वार में प्रचारकों का प्रशिक्षण शिविर लगाएगा. पिछले कुछ सालों में संघ ने इस दिशा में कदम बढ़ाए भी हैं. संघ जानता है कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से संघ में शामिल होने वालों की तादाद बढ़ी ही है.
सोशल मीडिया के युग में संघ ने जिला और स्थानीय स्तर पर काम कर रहे प्रचारकों को नए जमाने से वाकिफ़ कराने के लिए रिफ्रेशर कोर्स शुरू किया है. हरिद्वार में देश भर से चुने हुए आये जिला कार्यवाहक और दूसरे स्तर के प्रचारकों को इस प्रशिक्षण के दौरान यह बताया जाएगा कि कैसे युवाओं के बीच और बदलते समाज में विचारधारा का प्रचार करने के लिए क्या करना चाहिए. साथ ही बताया जाएगा कि बदलते वक्त में नए लोगों को कैसे संघ से जोड़े.
प्रचारकों को कौन देगा ट्रेनिंग
संघ के सूत्रों ने साफ तौर पर यह नही बताया कि इस ट्रेनिंग के लिए प्रोफेशनलों की मदद लेंगे या फिर संघ के वरिष्ठ नेता ही उन्हें ट्रेनिंग देंगे. पर संकेत यही हैं कि संघ के सीनियर नेता ही इन कार्यवाहकों को रिफ्रेशर कोर्स के दौरान पाठ पढ़ाएंगे. वैसे भी संघ के पास अनुभवी और प्रोफेशनल प्रचारकों की कोई कमी नही है. ऐसा ही प्रचारकों का एक रिफ्रेशर कोर्स पिछले साल नागपुर में हुआ था. जिसमें लगभग 20 फीसदी प्रचारकों को हर वर्ष नागपुर में प्रशिक्षित किया जाने लगा है.
31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक चलेगी बैठक
दीवाली के बाद 31 अक्टूबर की शाम से संघ के शीर्ष नेताओं के साथ ट्रेनिंग के लिए आये प्रचारक भी जुटने शुरू हो जाएंगे. बताया जा रहा है कि 4 नवंबर तक ये बैठक चलेगी. आने वाली पीढ़ियों को विचारधारा से जोड़ना है तो बदलना भी होगा और नए लोगों तक पहुंच कर उन्हें भी जोड़ना होगा. इसी कड़ी में संघचालक मोहन भागवत भी देशी और विदेशी मीडिया से मिल रहे हैं और देश के कई हिस्सों में प्रबुद्ध लोगों के साथ मुलाकात भी कर रहे हैं. संघ चाहता है कि अब तक उनके खिलाफ इतिहास के पन्नों में दर्ज तल्खी धीरे धीरे दोस्ताने में बदल जाये.