राज्यपाल अनुसुईया उइके ने शुक्रवार को करीब 5 घंटे तक प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों की शिक्षा और सामान्य प्रशासन के हालातों समीक्षा बैठक ली। अर्थशास्त्र की प्रो.रहीं उइके ने बैठक में तल्ख तेवर दिखाते हुए कुलपतियों को कई अहम निर्देश जारी किये। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कोई भी योजना या अभियान केवल रिपोर्ट तैयार करने तक ही सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़कर कार्य करें। उइके ने सभी विश्वविद्यालयों में प्लास्टिक की बोतल को बैन करने और प्रदूषण को रोकने कैंपस के अंदर गाड़ी बैन कर साइकिल से जाने की सलाह दी है। 8 विश्वविद्यालयों के कुलपति की बैठक में राज्यपाल ने शिक्षा का स्तर सुधारने के साथ-साथ ग्रेडिंग के स्तर को भी ऊंचा करने की भी बात कही।
राज्यपाल ने इस बात पर हैरानी जताई कि प्रदेश के सिर्फ दो ही विश्वविद्यालय को नैक की ग्रेडिंग के आधार पर अनुदान मिला है। उन्होंने अन्य विश्वविद्यालय को भी स्तर ऊंचा करने का निर्देश दिया। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के अफसर तो बुलाए गए थे पर मंत्री को आमंत्रित नहीं थे। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि वे प्रदेश और यहां के लोगों के विकास के लिए वर्तमान संदर्भ को देखते हुए स्थानीय परिस्थितियों और उपयोगिता पर आधारित विषय-वस्तु पर पीएचडी कराएं। ताकि वह शोध सरकार की योजनाएं बनाने में सहायक हो। इधर कुलपति सभी विश्वविद्यालयों में नैक ग्रेडिंग के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और समन्वय के लिए रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर को नोडल एजेंसी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से यूजीसी से अनुदान हासिल करने हर विश्वविद्यालय अपने क्षेत्र के एक-एक महाविद्यालय को नोडल एजेंसी बनाएं।
विवि को इकाई मानकर बैकलाग पद भरे जाएंगे : उइके ने कॉलेजों में प्रोफेसरों के खाली पदों को लेकर भी नाराजगी जताई। खासकर बैकलाग के पदों की स्थिति की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि केंद्रीय निर्देशानुसार विश्वविद्यालय को ईकाई मानकर बैकलाग पदों की पूर्ति करें। उन्होंने कहा कि 1384 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, वहीं अजा-जजा के कई प्रोफेसरों को अब तक प्रमोशन नहीं मिला है। यह उचित नहीं है।