धमतरी. इन दिनों पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में धमतरी के एक गांव में दीपावली की धूम है। देशभर में जहां दीपावली का पर्व 25 अक्टूबर को धनतेरस के साथ शुरू होगा और 27 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। वहीं धमतरी के सेमरा गांव में एक सप्ताह पहले ही दीपावली मना ली गई है। लोगों ने परिवार के साथ दिये जलाए, जमकर पटाखे फोड़े, मिठाईयां बांटीं और गौरा-गौरी की बारात निकाली। इसके पीछे ग्रामीणों की अपनी परंपराएं, मान्यताएं और किवदंती है।
कार्तिक की आमावस्या को नहीं, अष्टमी को होता है दीपावली पर्व
- वैसे तो हर साल हिंदी कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इसी दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटै थे। इस खुशी में पूरी अयोध्या को दीपकों से सजा कर उनका स्वागत किया गया था। इसी के चलते पूरे देश में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हालांकि धमतरी जिले के सेमरा गांव इससे थोड़ा अलग है। वहां पर दीपावली करीब सप्ताह भर पहले यानी कार्तिक अष्टमी की तिथि को ही मना ली जाती है और इस बार भी ऐसा ही किया गया है।
- सेमरा गांव में यह परंपर पीढ़ियों से चली आ रही है और मान्यता से जुड़ी हुई है। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि त्योहारों को एक सप्ताह पहले मनाने के पीछे एक मान्यता है। ग्राम देवता सिरदार ने गांव में खुशहाली के लिए स्वप्न में दर्शन देकर सारे पर्व सात दिन पहले मनाने के लिए कहा। इसके बाद से ही दीपावली, होली, पोला और हरेली जैसे पर्व तय तारीख से एक सप्ताह पूर्व मनाते आ रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि बुजुर्ग सिरदार सैकड़ों साल पहले गांव आए थे। उनकी शक्तियों से गांव के लोगों की परेशानियां दूर हुईं तो पूर्वज उन्हें पूजने लगे। गांव में सिरदार देव का मंदिर भी है।