लोगों को उधार पैसे ब्याज वसूलने गुंडागर्दी करने के कई मामले छत्तीसगढ़ में सामने आ चुके हैं। रायपुर के बाद अब ऐसा ही एक मामला रायगढ़ पुलिस के पास आया है। इस मामले में 25 लाख रुपए उधार देकर आरोपियों ने 72 लाख रुपयों की वसूली कर ली। इसके बाद भी लालच खत्म नहीं हुआ तो 30 लाख और मांगने लगे। ब्याज वसूलने और राशि बकाया बताकर वसूली का दबाव बना रहे दो भाइयों पर कोतवाली पुलिस ने जबरन वसूली और कर्जा एक्ट का जुर्म दर्ज किया है। शहर में ढिमरापुर के दवा व्यवसायी ने कुछ महीनों पहले थाने में शिकायत की थी जिसके बाद मंगलवार को अपराध दर्ज किया गया।
पैसे न देने पर आत्महत्या कर फंसाने की धमकी
- जानकारी के मुताबिक कार्मेल स्कूल के नजदीक रहने वाले दवा विक्रेता नितेश अग्रवाल ने रामभाटा रोड के नितीन अग्रवाल और नवीन अग्रवाल से 2014-15 से जून 2018 के बीच कई किस्तों में 25 लाख रुपए उधार लिए थे। इसकी एवज में नितेश, नितीन को 10 से 15 प्रतिशत ब्याज देता रहा । आरोप है कि नितीन ने ब्याज के नाम पर ही 72 लाख रुपए वसूल लिए। इसके बाद भी उसने नितेश से 30 लाख रुपए बाकी होने की बात कही और रुपए मांगता रहा। नितेश ने कोतवाली थाने में इसकी शिकायत की थी।
- नितिन ने बकाया रुपए नहीं लौटाने पर आत्महत्या करने तक की धमकी दी। वह 30 लाख बकाया बताकर वसूली के लिए लगातार दबाव बना रहा था। मध्यप्रदेश के लिए बना मनी लेंडिंग एक्ट 1934 ही छत्तीसगढ़ में प्रभावी है। इसमें 2010 में मामूली संशोधन किया गया। वसूली की शिकायत मिलने के बाद आईपीसी की धारा 384 की तहत कार्रवाई की जाती है। यह गैर जमानती धारा है, अपराध सिद्ध होने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है।