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भगवान शिव और विष्णु को प्रसन्न करना 5 लड़कियों पर पड़ा भारी, हुई दर्दनाक मौत




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बिहार के नालंदा और नवादा जिले के दो अलग-अलग घटनाओं में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नदी में स्नान करने के दौरान गहरे पानी में डूबने से छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पांच लड़कियां हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नालंदा जिले के गिरियक थाना क्षेत्र स्थित सकरी नदी में स्नान करने गई तीन किशोरियों की डूबने से मौत हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही पावापुरी सहायक पुलिस थाना पुलिस मौके पर पहुंची और एसडीआरएफ की टीम की मदद से तीनों शवों को नदी से बाहर निकाला। पावापुरी सहायक थाना की प्रभारी प्रभा कुमारी ने आईएएनएस को बताया कि मृतकों में घोसरावां निवासी अजय सिंह की पुत्री अंशु कुमारी (17) और सोनम कुमारी (15) तथा दीपू सिंह की पुत्री प्रीति कुमारी (15) हैं। उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर यह तीनों सकरी नदी में स्नान कर रही थीं, तभी गहरे पानी में उतर गईं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया गया है। इधर, नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड के सेखोदेवरा गांव में मंगलवार सुबह तालाब में डूबकर एक शिक्षक समेत तीन लोगों की मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार, सेखोदेवरा गांव निवासी हरदेव महतो की पुत्री अनुराधा कुमारी (18) और बाल्मीकी साव की पुत्री शिल्पी कुमारी (18) कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गांव के ही बडक़ी सूर्य मंदिर तालाब में स्नान करने गई थीं तभी दोनों गहरे पानी में चली गईं। उन्हें बचाने के लिए इसी गांव के निवासी शिक्षक अविनाश कुमार उर्फ राकेश सिंह (40) तालाब में उतरे, लेकिन वह भी गहरे पानी में चले गए। गहरे पानी में तीनों की डूबने से मौत हो गई। अविनाश जमुई के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। तीनों शवों को स्थानीय लोगों की मदद से तालाब से बाहर निकाल लिया गया है।

गौरतबल है कि इस दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था। इसी दिन गुरुनानक देव का जन्म भी हुआ था। इसे प्रकाश और गुरु पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा का शैव और वैष्णव, दोनों ही सम्प्रदायों में बराबर महत्व है। इस दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था। इसी दिन गुरुनानक देव का जन्म भी हुआ था। इसे प्रकाश और गुरु पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा पर दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से ग्रहों की समस्या को दूर किया जा सकता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर को यानी आज है।