अतिक्रमण हटाने के दौरान एक दुकानदार ने खुद को आग लगा ली। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई और उसका उपचार कराने के बाद कोतवाली उठा ले गए। अतिक्रमण को जेसीबी से ध्वस्त कराया जाता रहा। जिससे अफरातफरी का माहौल कायम रहा। उपजिलाधिकारी सदर विजयपाल सिंह सोमवार को नगर पालिका के ईओ व टीम को लेकर शहर का अतिक्रमण हटाने निकले। शाम को विकास भवन की ओर से अतिक्रमण हटाते हुए अफसर कोषागार की ओर लौट रहे थे। लोक निर्माण विभाग के सामने दीवानी न्यायालय की दीवार से लगाकर रखी गई गुमटियों को हटाने के दौरान बाटी-चोखा दुकानदार छेदीलाल पुत्र पन्नालाल निवासी करनपुर करमचंदा विरोध करने लगा।
कहा कि उसने नगर पालिका में पंजीयन कराया है। वह अपनी दुकान नहीं हटाएगा। नगर पालिका के अफसर उसे समझाने लगे, लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था। यह देख नपा कर्मचारी उसे जबरन हटाने के लिए आगे बढ़े। यह देख उसने खुद के ऊपर केरोसिन उड़ेल लिया और आग लगा ली। उसके कपड़े जलने लगे। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे दबोच कर जिला अस्पताल गए।
आग से छेदीलाल का पैर जल गया था। उपचार के बाद पुलिस उसे लेकर कोतवाली चली गई। इसके बाद एसडीएम ने कोषागार चौराहे तक अतिक्रमण हटवाया। दुकान के बाहर हुआ अतिक्रमण गिराया जाता रहा। मोरंग, गिट्टी समेत दूसरे सामान नगर पालिका कर्मचारी वाहनों में लाद ले रहे थे। इससे शहर में हड़कंप मचा रहा। नगर कोतवाल ने बताया कि दुकानदार ने जैसे ही आग लगाने का प्रयास किया, उसे काबू में कर लिया गया। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। बार-बार चेतावनी के बाद भी वह दुकान नहीं हटा रहा था।