जयपुर:भारतीय सेना के जांबाज सिपाही हमेशा देश सेवा के लिए मिसाल बनचे रहे है। इस बार फिर सेना ने लद्दाख में एशिया के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण किया है। चीन से लगती सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल स्थित शोक दरिया पर एशिया के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण किया गया है। लेह से दौलत बेग ओल्डी के लिए पक्की सड़क भी बन रही है। इस सड़क और पुल के निर्माण से चीन की चिंता बढ़ गई है।
अब सीमा पर सैनिकों तक जरूरी साजो-सामान और हथियार आसानी से पहुंचेगा। इसका कर्नल चेवांग रिनचेन ब्रिज का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिवाली के चार दिन पहले किया था। चीन सीमा पर रोड कनेक्टिविटी न होने के कारण वहां की चौकियों तक सामान पहुंचाने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। भारतीय सेना ने 16000 फीट की ऊंचाई पर इस पुल का निर्माण किया है। इस पुल की लंबाई 1400 फीट है। 70 टन वजन सहन करने की क्षमता रखने वाले इस पुल के निर्माण से भारतीय सेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी। गौरतलब है कि चीन ने सरहद तक खुद तो सड़कों का निर्माण कर लिया, रेल लाइन बिछा ली, हवाई पट्टी का निर्माण कर लिया, लेकिन भारत को ऐसा करने से रोकने की कोशिश करता रहा।
भारतीय सेना ने चीन की चेतावनियों को दरकिनार कर आंखों में आंखे डालकर इस पुल का बनवायाकराया. इससे सेना के जवान अब पहले के मुकाबले काफी कम समय में चीन सीमा तक पहुंच सकेंगे. साथ ही सेना के बड़े- बड़े टैंक भी इस पुल के रास्ते एलएसी तक जल्दी पहुंच सकते हैं।