हरियाणा के 8500 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर सरकार का डंडा चल गया है। इनमें अब नर्सरी से यूकेजी तक कक्षाएं नहीं चलेंगी। ये स्कूल लंबे समय से अवैध रूप से नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी की कक्षाएं चला रहे थे। अभिभावकों से मनमाने तरीके से मोटी फीस वसूलकर स्कूल संचालकों ने खूब कमाई की है। अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों पर शिकंजा कसते हुए अवैध कक्षाएं चलाने पर रोक लगा दी है। यह फैसला शिकायत के आधार पर लिया गया है। निदेशक मौलिक शिक्षा प्रदीप कुमार-प्रथम की ओर से इस संबंध में सभी डीईईओ और निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं। इनसे नियमानुसार कार्रवाई करते हुए जल्दी कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है। निदेशक मौलिक शिक्षा को स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन, भिवानी के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 10 जून 2019 को शिकायत की थी। उसके आधार पर बीते 22 नवंबर को निदेशक मौलिक शिक्षा ने पत्र लिखा है। बृजपाल परमार का कहना है कि निजी स्कूल अभिभावकों के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। बिना प्रावधान नर्सरी से यूकेजी तक कक्षाएं चलाना गैरकानूनी था। इसलिए उन्होंने पहले शिकायत और फिर आरटीआई लगाई थी।
नियमानुसार पहली से 12वीं तक ही कक्षाएं चलाने का प्रावधान
हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली के अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में केवल पहली से बारहवीं तक ही कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है। नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं लगाने का प्रावधान नहीं है। बृजपाल परमार ने अवैध रूप से चलाई जा रही कक्षाओं को बंद कराने का आग्रह किया था। जल्दी कार्रवाई न होने पर परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय में बीते 22 अक्टूबर को आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी थी। इसके बाद मौलिक शिक्षा निदेशालय हरकत में आया।