संसद के शीतकालीन सत्र से इतर संसद भवन में मोदी सरकार की कैबिनेट की बैठक में एससी-एसटी आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। बैठक में लोकसभा/विधानसभा में एससी-एसटी आरक्षण की मियाद बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
लोकसभा/विधानसभा में एससी-एसटी आरक्षण की मियाद 25 जनवरी, 2020 को खत्म हो रही थी, जिसे अब दस वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में नागरिकता संशोधन बिल पर मुहर लगाई गई।
अब नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। नागरिकता संशोधन विधेयक में नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन का प्रस्ताव है। इसमें भारत के तीन पड़ौसी देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से विभिन्न धर्मों के शरणार्थियों के लिए नागरिकता के नियमों को आसान बनाना है। अभी तक भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल तक भारत रहना अनिवार्य है।
विधेयक में संशोधन कर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया जा सकता है। इससे छह सालों में भारत आकर बसे इन तीनों देशों के लोगों को नागरिकता मिल सकेगी।