देश की अर्थव्यवस्था की सेहत खराब हो रही है जिसकी वजह से विरोधी मोदी सरकार को घेर रहे हैं. इसी बीच रिजर्व बैंक द्वारा घोषित किए गए एक पॉलिसी से मोदी सरकार को एक और झटका लगा है. रिजर्व बैंक ने रेपा रेट 5.15 प्रतिशत को बनाये रखा है. कहा जा रहा था कि इसमें कटौती की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रिवर्स रेपा रेपो रेट भी 4.90 प्रतिशत ही है.
रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष पांचवीं बार अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा की है. इसमें दूसरे तिमाही में विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे चला गया था. जबकि महंगाई दर के बढ़ने पर रेपो रेट में कमी किए जाने की बात कही जा रही थी. अब तक लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में कमी की गई थी. लेकिन इस बार रेपो रेट में कटौती न कर पहले जैसा ही रखा है.
पहले जीडीपी 6.1 रहने का अनुमान था
देश की जीडीपी का वर्ष 2019-20 के वित्त वर्ष में 6.1 प्रतिशत जाने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन उसे कम कर अब 5 फीसदी कर दिया गया है. इससे पहले अक्टूबर महीने में जीडीपी 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.
क्या है जीडीपी
ग्रास डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को मापने का एक पैमाना है. जीडीपी यानी किसी देश द्वारा उस वर्ष देश के अंदर उत्पादित किए गए वस्तु और सेवाओं को जीडीपी के लिए इस्तेमाल किया जाता है.