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महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार को लगेगा तगड़ा झटका, बिहार में बुजुर्गों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा…




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बिहार में बुजुर्गों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है जिसके बाद महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार को बड़ा झटका लग सकता है। हाल ही में बुजुर्गों को लेकर ऐसी रिपोर्ट आई है जो चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बुजुर्गों के लिए मुंबई असुरक्षित है। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित शहर का दावा करने वाली मुंबई पुलिस की पोल नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों ने खोली है।

एनसीआरबी-2018 की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में बुजुर्गों के खिलाफ सबसे अधिक आपराधिक मामले सामने आए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई में बुजुर्गों के खिलाफ 1043 मामले दर्ज किए गए हैं, जो देश के किसी अन्य शहरों के मुकाबले अधिक हैं। 2017 में यह आंकड़ा 1115 था। यानी 2017 के मुकाबले 2018 में बुजुर्गों के खिलाफ 72 मामले कम दर्ज किए गए थे। हालांकि, राहत की बात यह है कि पिछले 3 वर्षों में आंकड़े लगातार कम होते जा रहे हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार बुजुर्गों के प्रति होने वाली आपराधिक घटनाओं का शिकार न सिर्फ मुंबई के बुजुर्ग बनते हैं, बल्कि पूरा महाराष्ट्र बुजुर्गों की सुरक्षा के मामले में पीछे है। वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ 2018 में महाराष्ट्र में 5,961 मामले दर्ज हुए थे, जो देश के किसी अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक हैं। चिंता की बात यह है कि पिछले 3 वर्षों में यह आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश 3,967 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर रहा है।

शहरों में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ दर्ज 1043 मामले के साथ मुंबई सबसे ऊपर है, जबकि दिल्ली दूसरे स्थान पर है। दिल्ली में बुजुर्गों के खिलाफ 770 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, बिहार की राजधानी पटना एवं उत्तर प्रदेश के कानपुर में बुजुर्गों के खिलाफ एक भी मामले दर्ज नहीं हुए हैं। इससे साबित होता है कि बुजुर्गों के लिए मुंबई असुरक्षित, जबकि पटना व कानपुर सुरक्षित शहर हैं।

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी प्रणय अशोक का कहना है कि मुंबई पुलिस वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित मामले को गंभीरता से लेती हैं। मुंबई में अधिकतर बुजुर्ग अकेले ही रहते हैं। इन सभी बुजुर्गों का नाम व पता प्रशासन के पास है। मुंबई पुलिस समय-समय पर ऐसे अकेले रह रहे बुजर्गों से मिलने का काम करती है। इनकी समस्याएं संज्ञान में लेती हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी व आपराधिक घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन भी जारी की गई है।