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भारत मुर्गी की गर्दन नहीं, जो टूट जाए – जेएनयू छात्र शर्जील के ‘भारत के टुकड़े’ बयान पर ओवैसी ने कहा…




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जेएनयू छात्र शर्जील इमाम के भारत के टुकड़े वाले बयान की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निंदा की है। ओवैसी ने शनिवार को न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में कहा कि भारत कोई मुर्गी की गर्दन नहीं है, जो टूट जाए। ये एक राष्ट्र है। कोई भी भारत या किसी भी क्षेत्र को नहीं तोड़ सकता। ऐसे निरर्थक बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

अलीगढ़-असम में शर्जील के खिलाफ केस दर्ज

शर्जील दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के आयोजक भी है। अलीगढ़ की सभा का उसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसके बाद अलीगढ़ में शर्जील के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है।

अलीगढ़ एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया, ‘‘जेएनयू में मॉडर्न इंडियन हिस्ट्री के छात्र शर्जील ने 16 जनवरी को एएमयू में सभा की। इसमें छात्रों के बीच राष्ट्र विरोधी बयान दिए। भाषण के वीडियो के आधार पर ही केस दर्ज किया गया है। टीम उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही है। गिरफ्तारी के लिए दो टीमों को रवाना किया गया है।’’ शर्जील पर अलीगढ़ के अलावा असम में भी राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है।

भाजपा नेताओं ने ट्वीट कर विरोध जताया
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर शर्जील का विरोध जताया। 

ये कहते है “सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में..किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है”

इन ग़द्दारों की बात सुनकर कैसे मान लू की इनका खून शामिल है यहाँ की मिट्टी में??

कह रहा है असम को काट कर हिंदुस्तान से अलग कर देंगे।

‘सेना के लिए असम का रास्ता रोकें’

शर्जील ने एएमयू में सभा के दौरान कहा था, ‘‘क्या आप जानते हैं कि असमिया मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है? एनआरसी पहले से ही वहां लागू है, उन्हें हिरासत में रखा गया है। आगे चलकर हमें यह भी पता चल सकता है कि 6- 8 महीने में सभी बंगालियों को मार दिया गया। हिंदू हों या मुस्लिम। अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और अन्य आपूर्ति के लिए असम का रास्ता रोकना होगा। ‘चिकन नेक’ मुसलमानों का है। अगर हम सभी एक साथ आते हैं, तो हम भारत से पूर्वोत्तर को अलग कर सकते हैं। यदि हम इसे स्थायी रूप से नहीं कर सकते, तो कम से कम 1-2 महीने के लिए हम ऐसा कर सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि भारत से असम को काट दें। जब ऐसा होगा, उसके बाद ही सरकार हमारी बात सुनेगी।’’ चिकन नेक 22 किमी का हाईवे है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।