Home समाचार नए आयकर स्लैब : भ्रमित करने का प्रयास!

नए आयकर स्लैब : भ्रमित करने का प्रयास!




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

आप यहां हैं : Home » राष्ट्रीय » नए आयकर स्लैब : भ्रमित करने का प्रयास!

नई दिल्‍ली . बजट 2020 में आम करदाताओं की सुविधा के लिए वित्त मंत्री ने नए आयकर स्लैब की घोषणा की. इसके मुताबिक अगर कोई करदाता नए स्लैब के हिसाब से अपना रिटर्न फाइल करेगा तो उसको काफी नुकसान होगा. अगर करदाता छूट के विकल्पों जैसे कि सेक्शन 80सी, 80डी, 80जी और 80ई, एलआईसी, मेडिक्लेम, एचआरए, होम लोन का ब्याज व स्टैंडर्ड डिडक्शन का इस्तेमाल करेगा तो फिर उसे पुराने टैक्स स्लैब में फायदा होगा.

निर्मला सीतारमण ने 15 लाख सालाना आय वालों का उदाहरण देते हुए बचत का सपना दिखाया. उन्होंने कहा, इस आयवर्ग वालों को अभी 2.73 लाख रुपये टैक्स देना पड़ता है, नया विकल्प अपनाने पर 1.95 लाख रुपये देना होगा. यानी, उसका कर भार 78 हजार रुपये कम हो जाएगा.

अब मान लेते हैं कि कोई करदाता टैक्स छूट का लाभ उठाता है. करदाता स्टैंडर्ड डिडक्शन के 50,000 रुपये, सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का डिडक्शन, एनपीएस निवेश के तहत 50,000 रुपये और मेडिकल प्रीमियम के लिए 80डी के तहत 25,000 रुपये का डिडक्शन लेता है, तो नई व्यवस्था के तहत करदाता को 7,800 रुपये का नुकसान होगा.

नया विकल्प चुना, तो नहीं मिलेंगे ये फायदे

वेतनभोगी कर्मचारियों लीव ट्रैवेल अलाउंस, आवास भत्ता, 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट नहीं मिलेगी.
आयकर अधिनियम सेक्शन 16 के तहत मनोरंजन भत्ता और एंप्लॉयमेंट/प्रफेशनल टैक्स के लिए डिडक्शन.
हाउजिंग लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट.
सेक्शन 57 के तहत फैमिली पेंशन पर छूट.
80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस पर छूट.
सेक्शन 80डीडी तथा 80डीडीबी के तहत विकलांगता के लिए मिलने वाली छूट.
80सी के तहत मिलने वाली छूट.
सेक्शन 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर मिलने वाली छूट.
सेक्शन 80जी के तहत धर्माथ संस्थाओं दिए गए दान पर छूट.

वैकल्पिक हैं नई टैक्स स्लैब की दरें

वित्त मंत्री ने नई टैक्स स्लैब की दरों को वैकल्पिक रखा है. अगर किसी करदाता को पुराने स्लैब से ज्यादा फायदा हो रहा है तो वो उसे दाखिल कर सकता है. हालांकि नई टैक्स स्लैब के लागू होने से करदाता किसी तरह की छूट का लाभ नहीं ले पाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स एक्ट के तहत मिल रही कुछ टैक्स छूट को नहीं लेते हैं, तो 15 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को पहले के मुकाबले कम रेट से टैक्स देना होगा. हालांकि, यह टैक्सपेयर्स की मर्जी पर निर्भर करेगा कि वह पहले वाला टैक्स स्लैब चुनता है या नए वाला.

आयकर दरों में बदलाव

5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं.
5 लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 10 फीसदी की दर से कर.
7.5 लाख से 10 लाख तक की आय पर 15 फीसदी की दर से कर.
10 लाख से 12.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी की दर से कर.
12.5 लाख से 15 लाख तक की आय पर 25 फीसदी की दर से कर.
15 लाख के ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से कर.

बजट 2020 में आम करदाताओं की सुविधा के लिए वित्त मंत्री ने नए आयकर स्लैब की घोषणा की. इसके मुताबिक अगर कोई करदाता नए स्लैब के हिसाब से अपना रिटर्न फाइल करेगा तो उसको काफी नुकसान होगा.