उत्तराखंड हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। दरअसल हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग के कर्मचारी संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को करोड़ों रुपए की बकाया राशि भुगतान करने का आदेश दिया है। इसके बाद सरकार ने परिवहन विभाग को भुगतान करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि फंड अटकने के चलते परिवहन विभाग के कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रहा था। लेकिन अब हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों को पिछले तीन माह की बकाया राशि एक साथ भुगतान की जा सकती है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड परिवहन के कर्मचारी संघ ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश सरकार पर निगम के करोड़ों रुपये बकाया हैं और अधिकारियों की लापरवाही से इनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द भुगतान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सरकार ने सोमवार को परिवहन विभाग को पहली किश्त का भुगतान कर दिया है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड परिवहन कर्मचारी यूनियन ने बताया कि सरकार ने विभाग को 11़.30 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। जबकि 10 करोड़ की धनराशि की पत्रावली पर कार्रवाई पूरी की जा चुकी है और इसे भी जल्द ही भुगतान किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है आगामी सप्ताह तक बचे हुए 10 करोड़ का भी भुगमान परिवहन विभाग को प्राप्त हो जाएगा।
बताया गया कि नैनीताल हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में स्मार्ट सिटी की मद में राज्य सरकार द्वारा परिवहन विभाग को दएि 20 करोड़ रुपए राज्य सरकार को वापस करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि पहले सरकार परिवहन विभाग के बकाए का भुगतान करे। इसके बाद ही परिवहन विभाग भुगतान करेगी।
कर्मचारी युनियन का कहना है कि सरकार द्वारा परिवहन निगम को कुल 39.75 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है। अब हाईकोर्ट से फटकार के बाद विभाग को एक मुश्त 39.75 करोड़ रुपए का भुगतान प्राप्त होगा।