छात्र मिलन समारोह में कालांवाली से आए 2001 बैच के सुनील सेतिया ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से अपनी पढ़ाई के बाद के सफर को साझा किया। उन्होंने कहा कि एंटरप्रन्योर बनने के लिए नए आइडिया, अवसर और रिस्क की जरूरत होती है। हमें नौकरी के बजाय इन्हीं तीनों चीजों पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे विवि में 2001-03 तक एमएससी फूड टेक के विद्यार्थी रहे हैं। इसके बाद 2007 तक कई जगह कंपनियों में काम किया। इस दौरान नौकरी से संतुष्टि न मिलने के कारण हर बार जॉब छोड़ दी और अपना बिजनेस करने की ठानी। 2007 में घर वालों का मदद से कालांवाली में ही जूस (फ्रूट ड्रिंक) की एक फैक्ट्री लगाई।
शुरू में काम अच्छा चला तो थोड़ी राहत मिली। इसके बाद 2016 में एक फैक्ट्री और लगाई। अब दोनों फैक्टरियों में तैयार होने वाला जूस हरियाणा व देश के कई राज्यों में भेजा जाने लगा। सेतिया ने बताया कि 2018 में दो और फैक्ट्री भी लगाई गईं। फिलहाल कंपनी का फ्रूट ड्रिंक देश के 18 राज्यों के अलावा अन्य देशों में भी सप्लाई हो रहा है।
19 विद्यार्थियों को दिया गया रजत जयंती अवॉर्ड चौधरी रणबीर सिंह सभागार में चौथा पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें विवि के पांच पूर्व कुलपतियों, दो पूर्व कुलसचिवों के अतिरिक्त सेवानिवृत्त शिक्षकों, उपकुलसचिव व सहायक कुलसचिवों के साथ 200 पूर्व विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले छह पूर्व विद्यार्थियों को विद्यार्थी सम्मान और 19 पूर्व विद्यार्थियों को रजत जयंती अवॉर्ड दिया गया। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. हरभजन बंसल व डीन एलुमनाई रिलेशन्स प्रो. राजेश लोहचब उपस्थित रहे।
विद्यार्थी ही विवि के ब्रांड अंबेसडरः प्रो. टंकेश्वर
कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि विवि ने विश्व स्तर पर अपनी उपस्थिति दिखानी शुरू कर दी है। उन्होंने पूर्व विद्यार्थियों को विवि का वास्तविक ब्रैंड अंबेसडर बताया। विवि के लिए 25 वर्ष का समय ज्यादा नहीं होता, इसके बावजूद इस विश्वविद्यालय का एच-इंडेक्स 82 तक पहुंच चुका है। साइटेशन 37000 से ज्यादा हो चुके हैं।
इस दौरान पूर्व कुलपति विष्णु भगवान, आरआर फूलिया, डॉ. आरपी वाजपेयी, डॉ. एमएल रंगा, डॉ. आरएस शर्मा, पूर्व कुलसचिव आरएस जागलान और वाईपी गोस्वामी ने भी विवि से जुड़े अनुभवों को साझा किया।