भारत देश का सबसे बड़ा पुरस्कार भारत रत्न है और यह पुरस्कार उसी आदमी को दिया जाता है जिसने देश की सेवा में योगदान दिया हो, लेकिन कुछ सरकारी कर्मचारियों की गलतियों से यह पुरस्कार बहुत बार सही आदमी को नहीं मिल पाया|इसलिए आज हम आपको ऐसे 5 व्यक्तियों के बारे में बताएंगे जिन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए था लेकिन नहीं मिला| तो चलिए जानते हैं उनके बारे में|
महात्मा गांधी|
देश को आजादी दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति महात्मा गांधी थे| लेकिन आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया, इस बारे में जब सरकार से पूछा गया तो उन्होंने यह जवाब मिला कि उनके लिए भारत रत्न बहुत छोटा पुरस्कार था और भारत देश में बना ही नहीं था| हमें तो यह लगता अगर इससे बड़ा पुरस्कार देश में मौजूद नहीं था तो भी उनके लिए वह पुरस्कार बनाया जाना था |लेकिन ऐसा कभी नहीं हो पाया और इस बात का सबको दुख है|
मेजर ध्यानचंद|
इनका दूसरा नाम हॉकी का जादूगर था और इन्होंने देश को हॉकी में 3 बार स्वर्ण पदक दिलाया लेकिन उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया| यहां तक कि मेजर ध्यानचंद का हिटलर भी फैन था और उन्होंने ध्यानचंद को बहुत बार जर्मनी की नागरिकता देने का प्रयास किया लेकिन मेजर ध्यानचंद ने इसको ठुकरा दिया |भारत सरकार की लापरवाही से उन्हें भारत रत्न कभी नहीं मिल पाया|
मोहम्मद रफी|
मोहम्मद रफी ने हजारों सुपरहिट गाने दिए और इसके लिए उन्हें बहुत से पुरस्कार मिले लेकिन कभी भी भारत रत्न नहीं मिला | जबकि लता मंगेशकर को भारत रत्न मिल चुका है, लेकिन मोहम्मद रफी पर भारत सरकार की नजरें नहीं पड़ी और इसी वजह से उन्हें भारत रत्न नहीं मिला।
डॉ मनमोहन सिंह|
मनमोहन सिंह एक ऐसे इंसान हैं जब भारत की अर्थव्यवस्था डूब चुकी थी तो इन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को संभाला और इसे एक बार फिर से बाजार की खुली अर्थव्यवस्था में तब्दील कर दिया| भारत में गरीबी को मनमोहन सिंह ने सिर्फ 10 सालों में दूर कर दिया|और जब आर्थिक मंदी चल रही थी तो उस वक्त भारत में डॉक्टर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे|एक अर्थशास्त्री होने की वजह से वह जानते थे कि कैसे किसी देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर किया जा सकता है लेकिन उन्हें भी कभी भारत रत्न नहीं मिला।