चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचा दी है. पूरी दुनिया में इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या 6 हजार के करीब पहुंच गई है जबकि 1.6 लाख से ज्यादा लोग इसके संक्रमण से जूझ रहे हैं. इसने सबसे ज्यादा तबाही चीन और इटली में मचाई है. भारत में भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 110 पहुंच गई है. जिनमें से 13 लोगों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है. गौर करने वाली बात ये है कि 135 करोड़ की आबादी वाले देश में संक्रमण काफी कम फैला है जबकि इटली जैसे छोटे से देश में इसने तबाही मचा दी है. दरअसल, भारत में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने जिस तरह काम किया है वह काबिले तारीफ है.
अमेरिका-चीन और इटली को पछाड़ा
चीन के वुहान शहर से फैलने वाले कोरोना वायरस ने धीरे-धीरे लगभग पूरी दुनिया को अपने शिकंजे में ले लिया है. चीन में मरने वालों की संख्या 3 हजार के पार पहुंच गई है जबकि 80 हजार से ज्यादा लोगों में इसकी पुष्टि हुई है. अमेरिका की बात करें तो वहां इस महामारी से मरने वालों की संख्या 57 पहुंच गई है. सबसे बुरा हाल इटली जैसे छोटे और विकसित देश का है. कोरोना की वजह से इटली में एक दिन में (रविवार को) 368 लोगों की मौत हुई है. यहां अब तक कुल 1809 लोगों की मौत कोरोना की चपेट में आने की वजह से हुई है.
विदेशों से भारतीयों को रेस्क्यू किया गया
चीन का कहना है कि वहां हालात बेहतर हो रहे हैं जबकि चीन के बाहर इटली और ईरान में हालात काफी चुनौतीपूर्ण हैं. भारत ने समय रहते ही इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयास किए और काफी हद तक सफल भी रहा. कोरोना वायरस के संक्रमण की खबर फैलते ही भारत ने सबसे पहले चीन के वुहान शहर से भारतीयों को एयरलिफ्ट किया. अन्य देशों से भारतीयों को लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है. रविवार को ईरान की राजधानी तेहरान में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से फंसे 53 भारतीयों को भारत वापस लाया गया. इस 53 सदस्यों वाले दल में 52 स्टूडेंट्स और 1 टीचर हैं.
एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के मामले में भारत से पीछे रहा अमेरिका
भारत ने अमेरिका से पहले ही देश लौटने वालों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था कर दी. न्यूजर्सी के डैलस से भारत आए पर्यटक भी एयरपोर्ट पर भारत सरकार की तैयारियों को देख कर दंग रह गए. उन्होंने प्रेस को बताया कि मुझे बहुत ख़ुशी हुई यह देख कर कि विमान से उतरते ही स्वास्थ्य अधिकारी हर यात्री की जांच कर रहे हैं. इसके पहले भी हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ विदेशी पर्यटकों ने भारतीय व्यवस्था की सराहना की थी.
मेडिकल सुविधाओं और आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था
भारत ने समय रहते ही आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था कर ली थी. ताकि विदेश से भारत लाए गए और अन्य कोरोना से संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा जा सके.
विकसित देशों को पीछे छोड़ा
चीन के बाद इटली जैसे छोटे और विकसित देश में कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. लेकिन 135 करोड़ की आबादी वाले देश भारत में कोरोना नियंत्रण में है ऐसा इसलिए संभव हुआ है क्योंकि केंद्र और राज्य सरकारों ने समय रहते ही इससे बचाव के ठोस कदम उठाए. दिल्ली सरकार ने सबसे पहले स्कूल-कॉलेजों और सिनेमा हॉल को बंद करने के आदेश दिए. इसके बाद अन्य राज्यों ने भी संक्रमण से बचाव के कई कदम उठाए.
भारत ने सार्क देशों को एक साथ लाया
दुनिया को परेशान करने वाले वायरस से जंग लड़ने के लिए पीएम मोदी ने सार्क देशों को कोविड-19 इमर्जेंसी फंड बनाने का सुझाव दिया और भारत की तरफ से इसके लिए 1 करोड़ डॉलर देने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की तैयारियों की भी सार्क देशों के राष्ट्रअध्यक्षों को जानकारी दी. सार्क देशों की इस बैठक में सिर्फ पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री इमरान खान नहीं पहुंचे थे. उनके अलावा तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने इस मीटिंग में शिरकत की. पाकिस्तान की तरफ से स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा शामिल हुए. जफर मिर्जा ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई की पहल के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया किया और कहा कोई भी देश अकेले कोरोना वायरस से नहीं निपट सकता. भूटान, मालदीव और नेपाल भी भारत के हाथ से हाथ मिलाकर कोरोना से जंग के लिए तैयार हैं. भारत ने सार्क देशों के साथ कोरोना के खिलाफ जंग की योजना बनाकर पूरी दुनिया का नसीहत दी है, कोरोना को हराना है तो हाथ मिलाना होगा.