कांग्रेस नेता कमलनाथ के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में एक बार फिर सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। उनके इस्तीफे को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। इसी बीच कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के इस्तीफे पर बड़ा बयान दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए और राजनीति माध्यम होना चाहिए।
सिंधिया ने आगे कहा कि जो जनता के साथ पिछले 15 महीनों में बदसलूकी की गई, उसका परिणाम आज सामने है। भ्रष्टाचार की सरकार मध्य प्रदेश में 15 महीनों तक कायम रही। किसान विरोधी सरकार जो वादे मेनिफेस्टो में किए थे, उन वादों को नहीं निभाया गया। जब-जब आवाज उठी तो उसे आवाज को दबाने की कोशिश की गई। विधायकों को चुन-चुन के कुचलने की कोशिश की गई।
उन्होंने आगे कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन सत्य पराजित नहीं। आज जनादेश भारतीय जनता पार्टी के पास है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में सुशासन सरकार बनाएगी।
वहीं, सिंधिया ने बेंगलूरु में रह रहे 22 विधायकों के इस्तीफे को लेकर कहा कि हम लोग दोबारा जनता के मैदान में उतरेंगे। जनता का विश्वास हासिल करके दोबारा जनसेवा के पथ पर चलेंगे। जनसेवा मेरा लक्ष्य रहा है, सत्य के साथ सदैव मेरे पूज्य पिताजी रहते थे और मेरी भी वही कोशिश जारी है। पिछले 20 साल से इसी काम में लगे हुआ हूं। मुख्यमंत्री और विधायक दल के नेता के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान, केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला करेगी।