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छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 2.67 लाख लोगों को टीका लगाने का कार्य शुरू, तुलसा तांडी को लगा सबसे पहले कोरोना का टीका…




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 देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी शनिवार को 2.67 लाख स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं को कोविड—19 का टीका लगाने का कार्य शुरू हो गया है।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉक्टर प्रियंका शुक्ला ने शनिवार को बताया कि राज्य में कोविड—19 का टीकाकरण शुरू हो गया और यहां के 97 टीकाकरण केंद्रों में इस अभियान की शुरूआत की गई है।

शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और प्रदेश में सबसे पहले राजधानी रायपुर स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में महिला स्वच्छताकर्मी तुलसा तांडी (51) को कोविड—19 का टीका लगाया गया।

उन्होंने बताया कि राज्य में पहले चरण में 2,67,399 स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। जिसके लिए 1,349 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। हालांकि 97 टीकाकरण केंद्रों में पहले टीकाकरण का कार्य शुरू किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य के सभी जिलों में इन टीकों का वितरण किया जा चुका है।

टीकाकरण के लिए राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला अस्पतालों, कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा निजी अस्पतालों में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि एक दिन में एक केंद्र में 100 कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा।

शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ को भारत सरकार से पहली खेप में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ‘कोविशील्ड’ के तीन लाख 23 हजार टीके उपलब्ध कराए गए हैं।

उन्होंने बताया कि टीकाकरण के लिए 7116 टीकाकरण कर्मियों को चिन्हित कर इसका प्रशिक्षण दिया गया है। सभी 28 जिलों में 83 स्थानों पर कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना या आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर से लेकर टीकाकरण स्थलों तक एईएफआई (एडवर्स इवेंट फालोइंग इम्यूनाइजेशन) प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। सभी टीकाकरण केंद्रों को नजदीकी एईएफआई प्रबंधन प्रणाली जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा गया है। टीकाकरण के दौरान और बाद में जैव चिकित्सीय अपशिष्टों के प्रबंधन के लिए भी समुचित व्यवस्था की गई है।

अधिकारी ने बताया कि टीका लगाने के बाद व्यक्ति को आधे घंटे तक निरीक्षण कक्ष में रखा जाएगा और तबीयत खराब लगने पर तुरंत उपचार की व्यवस्था की जाएगी।