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कोरोना की मार से किसी तरह संभले थे अब बर्ड फ्लू आ गया, दाम तो नहीं टूटे लेकिन 75 प्रतिशत तक टूट गया कारोबार…




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छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में बर्ड फ्लू का अभी एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन डर पहुंच गया है। इसका असर बाजार पर दिखने लगा है। हमेशा भीड़ से घिरे रहने वाला शास्त्री बाजार के पास वाले चिकन शॉप खाली हैं। दुकानों पर कोई ग्राहक नहीं है। ग्राहकों की भीड़ पड़ोस में लगी मछली की दुकानों पर खिंच आई है।

चिकन कारोबारी अशरफ बताते हैं, जब कोरोना की बीमारी फैलना शुरू हुई तो अफवाह उड़ गई कि मुर्गियों की वजह से कोरोना फैला है। लोगों ने चिकन खाना छोड़ दिया। इसका कारोबार पर बुरा असर हुआ था। कुछ महीनों में उससे उबरे ही थे, कि बर्ड फ्लू आ गया। अब फिर लोग चिकन से दूर हो गए हैं। अशरफ ने कहा, पिछले कुछ दिनों से चिकन के दाम नहीं टूटे हैं। वह अभी भी 110 रुपए 120 रुपए प्रति किलो के भाव से ही बिक रहा है। हां ग्राहक जरूर टूट गए हैं।

अशरफ अपनी दुकान का उदाहरण रखते हुए बताया, सामान्य दिनों में वे 40 नग चिकन मंगाते थे। दिन का कारोबार खत्म होने तक कभी-कभी उनके पास 4 से 5 नग चिकन बच जाता था। अभी ग्राहक बिल्कुल नहीं है। वे रोजाना 10 नग चिकन लेते हैं, लेकिन रात तक वह भी नहीं बेच पाते। अंडा कारोबारी मोहम्मद रफीक ने दावा किया कि केवल 5 प्रतिशत कारोबार बचा है। अंडों के दाम भी काफी कम हुए हैं। इसकी वजह से उन लोगों की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है।

शादी की दावतों में चिकन अभी भी राजा

शास्त्री बाजार के पास चिकन मार्केट में ही मिले मोहम्मद निजामुद्दीन बताते हैं कि उनके कारोबार में बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ा है। कारोबार पहले जैसा ही है। वे 120 से 210 रुपए प्रति किलो की दर से चिकन बेच रहे हैं। निजामुद्दीन ने बताया, उनका चिकन शादी की दावतों के लिए जा रहा है। मुस्लिम समाज में अभी शादियों का मौसम है। वहां चिकन की अधिक मांग रहती है, यह मांग टूटी नहीं है।

थोक कारोबार पर वैसा असर नहीं

एक पोल्ट्री कंपनी से जुड़े रफीक खान इस कारोबार की एक और तस्वीर पेश करते हैं। उन्होंने बताया, उनके जैसे थोक कारोबारियों पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। वे होटलों और रेस्टाेरेंट को चिकन की अापूर्ति करते हैं। वहां अब भी इसकी मांग बनी हुई है। फार्म से जितना भी माल आ रहा है, वह बिक जाता है। रफीक खान भी कहते हैं कि फुटकर कारोबार पर बर्ड फ्लू और उससे जुड़ी अफवाहाें की मार पड़ी है।

बाजार में स्थानीय फार्म का ही चिकन

कारोबारियों ने बताया, रायपुर में बिकने वाला अधिकतर चिकन स्थानीय पोल्ट्री फार्मों से ही आता है। रायपुर, धमतरी, महासमुंद, राजनांदगांव, बेमेतरा, दुर्ग जैसे जिलों से राजधानी की जरूरत भर की आपूर्ति मिल जाती है। अंडों की स्थिति भी कमोबेस ऐसी ही है।