Home जानिए इस राज्य की सरकार ने बार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को...

इस राज्य की सरकार ने बार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल करते हुए ट्रेन और क्रूज में विदेशी शराब की बिक्री की अनुमति दे दी… जानिए




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

लखनऊ। राज्य सरकार ने बार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल करते हुए ट्रेन और क्रूज में विदेशी शराब की बिक्री की अनुमति दे दी है। सरकार ने उत्तर प्रदेश आबकारी (बार लाइसेंसों की स्वीकृति) नियमावली 2020 प्रख्यापित करते हुए इसका प्रावधान किया है।

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि बार लाइसेंसों की स्वीकृति की पुरानी प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। अब होटल, रेस्तरां, क्लब, बार और एयरपोर्ट बार लाइसेंसों की स्वीकृति शासन के स्थान पर आबकारी आयुक्त प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित बार समिति के स्थान पर अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बार समिति का गठन होगा।

अभी तक बार लाइसेंस के लिए पहले जिलाधिकारी के पास आवेदन करना होता था। जिलाधिकारी अपनी संस्तुति लगाकर इसे मंडलायुक्त को भेजते थे। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बार कमेटी गठित होती थी जिसमें मंडलायुक्त के अलावा आबकारी विभाग के उपायुक्त व क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी सदस्य होते थे। यह समिति अपनी संस्तुति देने के बाद इसे आबकारी आयुक्त को भेजती थी।

आबकारी आयुक्त अपनी संस्तुति देकर इसे प्रमुख सचिव आबकारी को भेजते थे। प्रमुख सचिव अपनी संस्तुति लगाकर इसे आबकारी मंत्री को भेजते थे और आबकारी मंत्री इसे स्वीकृति देते थी। नई व्यवस्था में बार कमेटी को समाप्त कर दिया गया है। जिलाधिकारी अब अपनी संस्तुति सीधे आबकारी आयुक्त को भेजेंगे और आबकारी आयुक्त इसकी स्वीकृति देंगे।

भूसरेड्डी ने बताया कि नियमावली में रेलवे प्रशासन के पर्यवेक्षण और नियंत्रण के अधीन या उसके द्वारा अनुरक्षित विशेष प्रयोजन की रेलगाड़ियों या प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित क्रूजों में विदेशी मदिरा विक्रय करने के लिए लाइसेंस स्वीकृत करने का भी प्रावधान किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उतर प्रदेश आबकारी नियमावली 2020 के प्रावधानों के अनुसार जिला स्तरीय बार समिति द्वारा संस्तुत प्रकरणों पर अधिकतम 15 कार्य दिवसों के भीतर बार अनुज्ञापनों को स्वीकृत किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।