केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमावर को संसद में मोदी सरकार का नौंवा बजट (Budget 2021-22) पेश किया। इस आम बजट से लाखों सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। क्योंकि बजट में सातवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को संशोधित नहीं किया गया जिससे न्यूनतम वेतन में वृद्धि हो सके और न ही डीए को लेकर कुछ कहा है।
बता दें कि करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से सातवें वेतन आयोग के तहत बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी की सिफारिश कर रहे थे, इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) में भी इजाफा होने की उम्मीद थी। मोदी सरकार अगर फिटमेंट फैक्टर में इजाफे को मंजूरी देती तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 8 हजार रुपये तक का इजाफा हो सकता था। बता दें कि वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है, अब कर्मचारी इसे 3.68 करने की मांग करने को लेकर अड़े हैं। बजट में केंद्रीय कर्मचारियों की यह मांग पूरी नहीं हुई।
कर्मचारियों का कहना है कि सातवें वेतन आयोग के तहत मौजूद न्यूनतम सैलरी काफी कम है, वर्तमान में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये तय किया है, जबकि सरकारी कर्मचारी इसे बढ़ाकर 26,000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 29 जून 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को लागू करने का ऐलान किया. हालांकि केंद्रीय कर्मचारियों को इसका फायदा 1 जनवरी 2016 से ही मिल रहा है।