कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं और युवा नेतृत्व के बीच जारी अंदरुनी कलह अब खुल कर सामने आने लगी है। हाल ही में कांग्रेस के सबसे अनुभवी 23 नेताओं के समूह ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की और पार्टी के हर स्तर पर बदलाव की मांग की है। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता रणजी थॉमस ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है और ईमानदार आत्मनिरीक्षण करने की मांग की है।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव रह चुके रणजी थॉमस पार्टी के कद्दावर नेता अहमद पटेल के साथ-साथ अंबिका सोनी और ऑस्कर फर्नांडिस के साथ भी काम कर चुके हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा कि सोनिया गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बने रहना चाहिए और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का पुनर्गठन करना चाहिए। थॉमस ने मांग की कि सीडब्ल्यूसी में अनुभवी, जानकार, राजनीतिक कुशलता और पार्टी के प्रति निष्ठा रखने वाले नेताओं को शामिल करना चाहिए।
बता दें कि रणजी थॉमस पेशे से वकील हैं और यूपीए सरकार के दौरान उन्हें अरुणाचल प्रदेश का एडवोकेट जनरल बनाया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस वक्त बाहर और अंदर दोनों ही तरफ से अनपेक्षित चुनौतियों का सामना कर रही है। इससे पहले कि पार्टी को कुछ अपूर्णीय क्षति पहुंचे, इसे ठीक करने के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है।
थॉमस ने चिट्ठी में कहा कि आज हम ऐसे मोड़ पर आ चुके हैं, जहां कई पार्टी कार्यकर्ता खुद को इस महान राजनीतिक दल का सदस्य बताने से हिचक रहे हैं। जिस दल ने भारत को आजादी दिलाई, उसके सदस्य ही या तो शांत रह रहे हैं या दूसरी पार्टियों के साथ जा रहे हैं। थॉमस ने सोनिया से कहा कि उन्हें पार्टी को दोबारा सक्रिय करना चाहिए और इसके कायाकल्प के लिए कदम उठाने चाहिए। हालांकि, इसके लिए उन्होंने सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने की जरूरत बताई।