रायपुर
शनिवार को तर्रेम क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद बंधक बनाए गए कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। कमांडो के दोपहर बाद करीब 4 बजे नक्सलियों ने छोड़ दिया और अब वह उस सीआरपीएफ कैंप पहुंच गए हैं जहां से वह 3 अप्रैल को ऐंटी-नक्सल ऑपरेशन के लिए निकले थे। कैंप पर उनके साथियों ने किसी हीरो की तरह उनका स्वागत किया। रामेश्वर सिंह के आजाद होने की खबर के बाद जम्मू में उनके घर पर जश्न का माहौल है।
जम्मू में सीआरपीएफ जवान के घर खुशी की लहर
कोबरा कमांडो के रिहा होने के खबर मिलते ही जम्मू में उनके घर और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके घर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सबके चेहरे पर मुस्कान थी। कमांडो की पत्नी मीनू मन्हास ने कहा कि उन्हें शुरू से उम्मीद थी कि उनके पति सकुशल वापस लौटेंगे। उन्होंने कहा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे खुशनुमा दिन है। मीनू मन्हास ने कहा कि उन्हें आधिकारिक तौर पर कमांडो पति की रिहाई की जानकारी मिल चुकी है और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
बिना शर्त रिहाई या नक्सलियों की कोई मांग मानी गई, अभी नहीं पता
अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि इसके बदले सरकार ने उनकी कोई मांग पूरी की है या नहीं। सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय मध्यस्ता टीम के सदस्य पद्मश्री धर्मपाल सैनी,गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया समेत सैकड़ो ग्रामीणों की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को किया रिहा।
3 अप्रैल को मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने किया था कमांडो को अगवा
शनिवार को बीजापुर के तर्रेम क्षेत्र में नक्सलियों ने पुलिस पर घात लगा कर हमला किया था जिसमे 23 जवान शहीद हुए थे। दो दर्जन से ज्यादा जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। नक्सलियों ने इसी दौरान राकेश्वर सिंह को बंधक बना लिया था।