देश में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते रविवार को करीब एक लाख 69 हजार कोरोना के नए मामले सामने आए, जबकि 904 लोगों की मौत हो गई। अब तक देश में एक लाख 70 हजार से अधिक लोगों की कोरोना की चपेट में आकर मौत हो चुकी है। एक समय था जब देश में कोरोना से ठीक होने की दर 97 फीसदी से अधिक हो चुकी थी, लेकिन अब यह दर घटकर 89 फीसदी पर आ चुकी है। हालांकि इस दौरान टीकाकरण अभियान में भी काफी तेजी आई है। देश में अब तक 10 करोड़ 45 लाख से अधिक कोरोना के टीके लगाए जा चुके हैं।
पीएम ने आप लोगों को कंटेनमेंट जोन बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है, इससे क्या समझ सकते हैं?
लखनऊ स्थित केजीएमयू के डॉ. सूर्यकांत कहते हैं, ‘अगर किसी मोहल्ले में कोरोना का कोई भी केस आता है, तो उन्हें खुद तय करना होगा कि कैसे दूसरे मोहल्ले तक वायरस को जाने से बचाया जाए। खुद से सभी जागरूक होते हुए कंटेनमेंट जोन बनाएं। ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और लोग जब इस मुहिम से जुड़ेंगे तो संक्रमण आगे बढ़ेगा ही नहीं।’
वैक्सीन में महिलाओं की जिम्मेदारी और भागीदारी को कैसे देखते हैं?
डॉ. सूर्यकांत कहते हैं, ‘हमारे देश के परिवार महिला केंद्रित होते हैं। घर में कोई भी महत्वपूर्ण काम हो या बच्चे को कोई काम हो तो वह मां से ही कहता है। सास-ससुर हों या पति, बहू और पत्नी को ही बुलाते हैं। ऐसे में नारी शक्ति एक कुशल मैनेजमेंट करती हैं, वह घर चलाती है तो परिवार की सुरक्षा के लिए भी तत्पर रहती है और अब पीएम ने कोरोना वैक्सीन लगवाने की जिम्मेदारी जब महिलाओं को दी है तो निश्चय ही वो इसको पूरा करेंगी।’
देश में टीका उत्सव की शुरुआत हुई है, इसे कैसे देखते हैं?
डॉ. सूर्यकांत कहते हैं, ‘टीका उत्सव के लिए लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इसका उद्देश्य इस तरह से समझ सकते हैं कि जिस तरह देश में कोई दूसरा उत्सव होता है, जैसे होली, दिवाली, ईद आदि तो सभी बढ़-चढ़कर खुशी के साथ मनाते हैं। वैसे ही वैक्सीन को भी खुशी के साथ लें, क्योंकि ये हमारे देश में बनी है और इससे हम कोरोना को हरा सकते हैं। जिस तरह से बच्चों को बचपन में वैक्सीन लगवाने या पोलियो की खुराक दिलाने ले जाते थे, उसके लिए सुबह ही तैयारी कर लेते थे कि आज जाना है, ठीक उसी तरह इसे भी लें और वैक्सीन अवश्य लगवाएं।’