रायपुर के सड्डू इलाके के श्मशान घाट में अधजली लाशों को कुत्ते खा रहे थे। ये मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचेगा। जनता कांग्रेस नेता प्रदीप साहू ने बताया कि कोविड के इस संकट काल में प्रदेश में जिंदा इंसानों को सही इलाज नहीं मिल रहा और मौत के प्रशासन सही ढंग से अंतिम संस्कार नहीं कर रहा। इसी वजह से सड्डू इलाके में ये हालात बने। अब इस मामले में हम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, प्रदेश की राज्यपाल और मुख्यमंत्री से सुधार की मांग कर रहे हैं। हम ये भी मांग कर रहे हैं, इस तरह से कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर श्मशान में अधजली लाशें छोड़ने वाले अफसरों पर भी महामारी एक्ट के तहत FIR दर्ज की जाए।
कोविड संक्रमण से होने वाली मौत के बाद भी शव यहां लाए जा रहे हैं।
यह है पूरा मामला
करीब 4 से 5 दिन पहले रायपुर के सड्डू स्थित कुशाभाऊ ठाकरे वार्ड से श्मशान में अधजली लाशों के टुकड़े कुत्ते खा रहे थे। इसका वीडियो भी सामने आया था। मामले में इलाके के लोगों ने कलेक्टर के नाम शिकायती खत लिखा। आवाज उठाने पर क्षेत्र के दो युवकों अजय देवांगन और इसके साथी पर झूठी जानकारी फैलाने का केस दर्ज कर दिया गया। ये FIR विधानसभा थाने में अब भी दर्ज है। नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ये दावा किया कि वीडियो कहीं और का है, जबकि सड्डू के श्मशान के पास रहने वाले लोग भी वीडियो में साफ कहते दिख रहे हैं कि यहां लाशों के टुकड़े कुत्ते लेकर भाग जाते हैं, क्योंकि अंतिम संस्कार सही ढंग से नहीं हो रहा।
तस्वीर में कुत्ते इंसानी मांस के टुकड़ों के साथ हैं और पीछे दीवार लिखा है सड्डू। नगर निगम के अफसर इस बात का दावा कर रहे हैं ये किसी और जगह का है मामला है।
पूरे इलाके में संक्रमण फैलने का खतरा
सड्डू के जिस श्मशान घाट में ये घटना हुई। इसके आस-पास की बस्ती में दर्जनों परिवार रहते हैं। क्षेत्र की महिलाओं ने बताया कि नगर निगम के लोग शवों को लेकर आते हैं, आधी-अधूरी लकड़ी से ही शव जला देते हैं। इसके बाद चूंकि शव ठीक तरह से जल नहीं पाते, इसलिए उनके टुकडे लेकर कुत्ते इधर-उधर भागते हैं। कभी हमारे घर के पास किसी का हाथ मिलता है कभी किसी का पैर। हमारे भी छोटे बच्चे हैं पूरे इलाके में संक्रमण फैलेगा हमारा जीना मुश्किल हो गया है।