कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के अचानक आ जाने से उपचार संबंधी व्यवस्थाओं पर भारी दबाव आ गया था और जिसके कारण बहुत से लोगों को अपने परिजनो को खोना पड़ गया है। अब तिसरी लहर के आने की संभावना को देखते हुए शासन-प्रशासन पहले ही सतर्क हो गया है और उसके लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। इसी परिप्रेक्ष्य में आज 17 मई को मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं जल संसाधन विभाग श्री रामकिशोर नानो कावरे की अध्यक्षता में जिले के शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की बैठक आयोजित कर उनसे सुझाव सुने गये और उन पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक श्री गौरीशंकर बिसेन, पूर्व विधायक श्री रमेश भटेरे, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती आर उमा माहेश्वरी, सहायक कलेक्टर श्री दलीप कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय, सिविल सर्जन डॉ अजय जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ निलय जैन, डॉ आशुतोष बांगरे, डॉ नितेन्द्र राउतकर, डॉ आर के जैन, डॉ आर के पंड्या, डॉ पी के पाराशर, डॉ सिद्धार्थ दुबे, डॉ केदार शास्त्री एवं डॉ प्रवीण ज्योतिषी उपस्थित थे।
आयुष मंत्री श्री कावरे ने बैठक में शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर्स से कहा कि वे कोरोना की तिसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए जो भी उपाय किये जाने चाहिए उनके बारे में बतायें। ऐसी परिस्थिति में बच्चों के उपचार के लिए किन दवाओं एवं उपकरणों की जरूरत होगी उसके बारे में बतायें। हम सभी जरूरी दवाओं एवं उपकरणों का इंतजाम करेंगें। उसके लिए राशि की कोई कमी नहीं होने देंगें। मंत्री श्री कावरे ने कहा कि जिला चिकित्सालय में बच्चों की आईसीयू की तैयारी की जा रही है लेकिन प्रायवेट शिशु रोग विशेषज्ञ भी अपने अस्पतालों में ऐसेी स्थिति के लिए बेड की पर्याप्त संख्या तैयार रखें। उन्होंने कहा कि यह आपदा एवं महामारी की स्थिति है और डाक्टर्स के लिए मानवता की सेवा करने का एक अवसर भी है।
बैठक में बताया गया कि शासन द्वारा कोविड प्रोटोकाल के अनुसार जिला चिकित्सालय बालाघाट में बच्चों के लिए 10 बेड के पीडियाट्रिक्स आईसीयू की तैयारी करने कहा गया है। जिला प्रशासन इसके अलावा बुढ़ी के कोविड अस्पताल एवं मुलना स्टेडियम के कराते प्रशिक्षण केन्द्र में बनाये गये कोविड अस्पाताल को बच्चों के उपचार के लिए तैयार कर रहा है। जिला चिकित्सालय के बच्चों के सभी वार्ड में केन्द्रीकृत आक्सीजन सप्लाय वाले बेड तैयार किये जा रहे है। बैठक में दिये सुझाव के अनुसार बच्चों के लिए उपयोग होने वाले सीपेप, पल्स आक्सीमीटर एवं अन्य जरूरी मशीनें क्रय और वारासिवनी एवं लांजी के सिविल अस्पताल में भी दवाओं एवं मशीनों का इंतजाम करने का निर्णय लिया गया।