विशेष संवाददाता दिपेश मोहारे
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय ने जिले की 18 से अधिक वर्ष की जनता से अपील की है कि वह कोविड वेक्सीन का टीका लगवाने से बिल्कुल भी न डरें। यह टीका पुरी तरह से सुरक्षित है और इसका मानव शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कोविड वेक्सीन का टीका लगवाना बहुत जरूरी है। जिन लोगों ने कोविड वेक्सीन का टीका लगवाया है उन्हें कोरोना संक्रमण होने के बाद भी गंभीर स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है। कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए यह टीका लगवाना बहुत जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले मेडिकल प्रेक्टीशनर्स से अपील की है कि वे 18 से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को कोविड वेक्सीन का टीका लगावाने के लिए जागरूक करें और उन्हें समझायें कि कोविड वेक्सीन का टीका लगवाना क्यों जरूरी है। ग्रामीणों को बतायें कि इस टीके से किसी को भी डरने या उसके बारे में भ्रम पालने की जरूरत नहीं है। लोगों को इस अफवाह पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए कि कोरोना का टीका लगाने से व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यह संयोग हो सकता है कि कोरोना का टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों की मृत्यु हो गई हो। लेकिन ऐसे मृत लोगों को पहले से ही अन्य बीमारियां भी रही होंगी और वे कोविड वेक्सीन का टीका लगवाने से पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुके होंगें।
डॉ पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले से भी अपील की है कि वे अपने कार्यक्षेत्र के लोगों को कोविड वेक्सीन का टीका लगवाने के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु के आमजनों को प्रेरित करें। सिविल सर्जन डॉ अजय जैन एवं प्रायवेट चिकित्सक डॉ रोहित गुप्ता ने भी आम जनों से अपील की है कि वे अपनी स्वयं की एवं परिवार के अन्य लोगों की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए कोविड वेक्सीन का टीका अवश्य लगवायें। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के एवं प्रायवेट सभी डाक्टर्स ने फ्रंट लाईन वर्कर के रूप में सबसे पहले कोविड वेक्सीन का टीका लगवाया है और वे सभी पूरी तरह से सुरक्षित है। अत: इस टीके से घबरायें और डरे नहीं बल्कि निश्चिंत होकर टीका लगवायें। सरकारी एवं प्रायवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमित जिन मरीजों का उपचार किया जा रहा है उनमें से अधिकांश को कोविड वेक्सीन का टीका नहीं लगा है। यदि पहले उन्हें यह टीका लग जाता तो, उन्हें आज अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता।