रायपुर– तेलीबांधा तालाब किनारे जाकर बैठकर परिवार के साथ वक्त बिताना अब फ्री में नहीं होगा। रायपुर के लोगों को इसके लिए अब पैसे देने होंगे। शुक्रवार को यहां पार्किंग रेट लिस्ट टांग दी गई जोकि अब तक मुफ्त थी। शाम होते ही यहां इसका विरोश शुरू कर दिया गया। तालाब के किनारे भाजपा नेता अमित चिमनानी पहुंच गए। इनके साथ तेलीबांधा के ही रहने वाले कुछ लोग भी मौजूद थे। इन सभी के हाथों में पार्किंग शुल्क का विरोध करने लगे। अमित चिमनानी ने कहा कि आम लोगों की कमाई यहां लूटने का काम हो रहा है। सभी गाड़ियां सड़क के किनारे खड़ी होती हैं जब यहां पार्किंग ही नही है तो पार्किंग के नाम पर वसूली क्यों हो रही है।
वीकएंड पर आते हैं 10 हजार लोग
रायपुर शहर के तेलीबांधा तालाब को लगभग 10 साल पहले नई तरह से सजाया गया है। इससे पहले तालाब कि किनारे बस्ती थी। ये हटाकर इसे तालाब के एक किनारे पर BSUP मकान बनाकर शिफ्ट किया गया है। तालाब के किनारे लगी लाइट्स को मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके की थीम पर क्रिएट किया गया है। इस वजह से बोल-चाल में लोग इसे रायपुर का मरीन ड्राइव कहते हैं। शनिवार-संडे के की शाम यहां आम दिनों में 10 हजार के करीब लोग पहुुंचते हैं। तालाब कि सामने की सड़क पर 50 से ज्यादा फूड स्टॉल और फूड आउटलेट हैं जो देर रात तक गुलजार रहते हैं। पार्किंग का शुल्क लगाकर नगर निगम मोटी रकम वसूलने की तैयारी में है।
तालाब के किनारे रिक्रिएशन पार्क की तैयारी
अब करीब आठ करोड़ रुपए की लागत से तेलीबांधा तालाब के किनारे रिक्रिएशन पार्क का काम शुरू किया गया था, जिसका ढांचा तैयार कर लिया गया। उम्मीद की जा रही है कि इस साल के आखिर में इसे पूरा कर लिया जाएगा। पिछले चार साल से तेलीबांधा तालाब के सामने सबसे ज्यादा भीड़ लगती है, जो आधी रात तक रहती है। निगम ने तेलीबांधा तालाब का एक बड़ा हिस्सा अहमदाबाद की एक प्राइवेट कंपनी को डेवलमेंट के लिए दिया है। इसी एग्रीमेंट के तहत तालाब के डेड हिस्से में फूड जोन, व्यू पाइंट, ओपन थियेटर और बच्चों के मनोरंजन के लिए प्ले-जोन बन रहा है। तालाब के किनारे बनी दीवारों पर महापुरुषों की पेंटिंग और उनके व्यक्तित्व और कार्यों को अंकित किया जाएगा, ताकि यहां आने वाले लोगों को जानकारी मिल सके।