मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव से संबंधित एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. शीर्ष न्यायालय अब 10 मई को अपना निर्णय देगी. दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय का फैसला यह तय करेगा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण दिया जाएगा या नहीं? उच्चतम न्यायालय उस मामले की सुनवाई कर रही है जिसमें उसने मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों को फिर से सामान्य श्रेणी में अधिसूचित करने का निर्देश दिया था.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आरक्षण देने से पहले ट्रिपल टेस्ट की कसौटी को 1 हफ्ते में पूरा कर लेंगे. उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा, “पिछड़ा वर्ग आयोग ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके मुताबिक 49 फीसदी आबादी ओबीसी है. ऐसा नहीं होना चाहिए कि इतनी बड़ी आबादी स्थानीय निकाय में प्रतिनिधित्व से वंचित रह जाये, लिहाजा कोर्ट थोड़ा वक़्त और दे.”