हसदेव अरण्य में कोल ब्लाक आवंटन का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों के समर्थन में मंत्री टीएस सिंहदेव के उतरने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सरकार का रुख साफ किया है। रायपुर में मीडिया से चर्चा में बघेल ने कहा कि सिंहदेव (बाबा) स्थानीय विधायक हैं। अगर वे नहीं चाहते तो वहां पेड़ क्या, एक डंगाल भी नहीं कटेगी।
दरअसल, सोमवार को मंत्री सिंहदेव ने परसा कोल ब्लाक के आवंटन व पेड़ कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों से मुलाकात के बाद कहा था कि घने जंगलों का विनाश करके कोयले का खनन नहीं होना चाहिए। अगर ग्रामीण एक राय रहें, तो उनकी जमीन कोई नहीं ले सकता। सिंहदेव ने ग्रामीणों की मांग को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया था। सीएम बघेल इस पर ही अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
बघेल ने भाजपाइयों को निशाने पर लेते हुए कहा कि परसा कोल ब्लाक का आवंटन केंद्र सरकार ने किया है। ऐसे में उसे निरस्त करने के लिए भाजपाई केंद्र सरकार को पत्र लिखें। विरोध जताएं। भाजपा की ओर से सवाल उठाना भी गलत है। यह भाजपा का दोहरा चरित्र है। उन्हें दिल्ली में विरोध करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण अधिनियम केंद्र सरकार का है। वन अधिनियम केंद्र सरकार का है। सभी नियम केंद्र सरकार के हैं और अनुमति देने का अधिकार भी केंद्र सरकार को है। भाजपा नेता अगर चाहते हैं, तो भारत सरकार से मांग करें कि कोल ब्लाक की जो अनुमति प्रदान की है, उसे निरस्त करें।
जब सीएम ने कहा- नहीं आएगी गोली चलाने की नौबत
मुख्यमंत्री बघेल ने मंत्री सिंहदेव के उस बयान पर सधे हुए अंदाज में जवाब दिया, जिसमें सिंहदेव ने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान कहा था कि हसदेव में अगर गोली चलती है, तो पहली गोली वे खाने को तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोली चलने की नौबत नहीं आएगी। जो गोली चलाने वाले हैं, उन पर पहले ही गोली चल जाएगी। अगर स्वास्थ्य मंत्री नहीं चाहते हैं, तो जब तक उनकी सहमति नहीं मिलेगी, पेड़ क्या, एक डंगाल भी नहीं कटेगी।