जापान के पूर्व पीएम और अपने करीबी मित्र शिंजो आबे को याद करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उन्हें कभी भूल नहीं पाऊंगा। उन्होंने कहा कि आबे को दुनिया में हो रहे परिवर्तनों की अच्छी समझ थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने घनिष्ठ मित्र और दिवंगत जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को याद किया है। उन्होंने आबे को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए एक ब्लॉग लिखा है। जिसमें उन्होंने काशी से लेकर क्योटो तक की यात्रा का उल्लेख किया।
शिंजो आबे- जापान के एक उत्कृष्ट राजनेता, एक महान वैश्विक राजनेता, और भारत-जापान मित्रता के प्रबल हिमायती- अब हमारे बीच नहीं है। जापान और पूरी दुनिया ने एक महान दूरदर्शी राजनेता को और मैंने अपने एक अत्यंत प्रिय मित्र को खो दिया है। मैं वर्ष 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जापान की अपनी यात्रा के दौरान पहली बार उनसे मिला था। उस पहली मुलाकात के बाद से ही हमारी दोस्ती कार्यालय के समस्त औपचारिकता और आधिकारिक प्रोटोकॉल के बंधनों से कहीं आगे निकल गई थी। क्योटो में तोजी मंदिर का दर्शन करना, शिंकानसेन पर हमारी ट्रेन यात्रा, अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की हमारी यात्रा, काशी में गंगा आरती, टोक्यो में विस्तृत चाय समारोह, हमारी यादगार मुलाकातों की सूची वास्तव में बेहद लंबी है। वहीं, माउंट फूजी की तलहटी में बसे यमनाशी प्रान्त में उनके परिवारिक घर में आमंत्रित किए जाने के विलक्षण सम्मान को मैं सदैव संजो कर रखूंगा।
यहां तक कि वर्ष 2007 से वर्ष 2012 के बीच और फिर जब वह 2020 के बाद पीएम नहीं रहे, तब भी हमारा जुड़ाव बना रहा। आबे सान के साथ हर मुलाकात बौद्धिक रूप से अत्यंत प्रेरणादायक होती थी। वह शासन, अर्थव्यवस्था, संस्कृति, विदेश नीति, और विभिन्न अन्य विषयों पर नए विचारों और बहुमूल्य जानकारियों से सदैव अवगत रहते थे। उनके सलाहकार ने मुझे गुजरात के आर्थिक विकल्पों के लिए प्रेरित किया। उनके समर्थन ने जापान के साथ गुजरात की जीवंत साझेदारी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद में भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने के लिए उनके साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।