मध्यप्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते छह बार जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। वह भाजपा का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा हैं। इसके पहले भी कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। महाकौशल के दिग्गज आदिवासी नेता कुलस्ते मंडला जिले के बारबटी गांव के रहने वाले हैं…
देश में लगातार बढ़ती महंगाई से जहां एक तरफ जहां आदमी त्रस्त है। वहीं अब यही महंगाई केंद्र सरकार के मंत्रियों को भी परेशान कर रही है। हाल ही में मध्यप्रदेश के मंडला से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते एक भुट्टे की कीमत सुनकर चौंक गए। वे मंडला जा रहे थे, तभी रोड किनारे एक युवक भुट्टा बेचता दिखाई दिया। यह देख मंत्री ने गाड़ी रोकी और भुट्टा खरीदते नजर आए। इस दौरान उन्होंने युवक से भुट्टे की कीमत पूछी। युवक ने 15 रुपये कीमत बताई। कीमत सुनकर मंत्री चौंक गए, उन्होंने कहा कि हमारे यहां तो फ्री में मिलता है। इतना महंगा बेच रहे हो। अब इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि इसके पहले भी कुलस्ते कई बार विवादों में फंस चुके हैं।
दरअसल, युवक ने तीन भुट्टे सेंके थे। मंत्री कुलस्ते ने अपना काफिला रुकवा कर इसकी कीमत पूछी तो युवक ने 45 रुपये बताई। इस पर मंत्री कुलस्ते ने कहा कि 45 रुपये! इतना महंगा दे रहे हो। युवक ने मंत्री को बेबाकी से जवाब दिया और कहा कि तुम सोच रहे हो कि गाड़ी देखकर बताए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। इसके बाद मंत्रीजी बोल पड़े कि हमारे यहां तो फ्री में मिलता है। यह सुनकर युवक हंसने लगा और बोला फ्री में..। 5 रुपये में खरीदकर लाते हैं। इस दौरान मंत्री ने युवक से नाम भी पूछा। युवक ने अपना धर्मेंद्र बताया। मंत्री बोले बेटा राम 15 रुपये में बेचते हो।
संसद में नोट लहरा चुके हैं कुलस्ते
मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का ये वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति पर नज़र रखने वालों को एक दशक पहले की वह घटना याद आ गई, जिसने तहलका मचा दिया था। वह था 22 जुलाई 2008 का दिन। लोकसभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ विश्वास मत प्रस्ताव को लेकर बहस चल रही थी। शाम के चार बजे थे। तब भाजपा के तीन सांसद इनमें मध्यप्रदेश से फग्गन सिंह कुलस्ते (मंडला), अशोक अर्गल (मुरैना) और राजस्थान के महावीर भागौरा (सलुंबर) सदन में एक बैग लेकर पहुंचे। उन्होंने इसे लोकसभा महासचिव की टेबल पर रखा। तीनों सांसदों ने बैग से नोटों की गड्डियों को निकाला और लहराने लगे।
शोर शराबे और हंगामे के बीच तीनों सांसदों ने आरोप लगाया कि विश्वासमत के समर्थन में वोट देने के लिए उन्हें करोड़ों रुपये की पेशकश की गई है। सांसदों को नौ करोड़ रुपये की घूस देने का वादा किया गया था। उस समय मनमोहन सिंह सरकार भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को पारित कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही थी। हर वोट महत्वपूर्ण था। समाजवादी पार्टी के समर्थन से मनमोहन सरकार की जान में जान में आई थी। दिन विश्वास मत प्राप्त करने का था और तनाव हवा में व्याप्त था। जब वोट के बदले नोट के इस कांड ने संसद को हिला के रख दिया। संसद की समिति बनाई गई, जांच हुई, आरोपों की बौछार हुई और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम घर-घर पहुंचा। पहले इस मामले की जांच संसदीय समिति ने की और 2009 को मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया।
टीवी चैनल के स्टिंग में भी फंस चुके हैं कुलस्ते
इसके अलावा कुलस्ते एक टीवी चैनल के स्टिंग में भी फंस चुके है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक निजी टीवी चैनल ने उनका स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें वे 2014 के लोकसभा चुनाव में लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च करने और 2019 के चुनाव में भी करोड़ों रुपये तक खर्च आने की बात करते हुए दिखाए दे रहे हैं।
दरअसल, निजी चैनल द्वारा कुछ सांसदों का चुनाव खर्च को लेकर स्टिंग ऑपरेशन कर प्रसारण किया गया था। जिसमें मध्यप्रदेश के मंडला लोकसभा सीट के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का भी नाम शामिल था। इसमें कुलस्ते को 2014 के लोकसभा चुनाव में लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च करने और 2019 के चुनाव में भी करोड़ों रुपये तक खर्च आने की बात करते हुए दिखाया गया है। जबकि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव खर्च की सीमा 70 लाख रुपये ही तय की गई है। ।
इस स्टिंग ऑपरेशन में कुलस्ते ने ये खुलासा भी किया कि लोकसभा चुनाव में वोटर और सपोर्टर दोनों को शराब के सुरूर में डुबोने के लिए वे लाखों रुपये का काला धन बहा देते हैं। अब जरा सोचिए, चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 70 लाख रुपये है, लेकिन कुलस्ते साहब खुद ही बता रहे हैं कि 25–30 लाख रुपये तो सिर्फ समर्थकों, कार्यकर्ताओं और वोटर्स को शराब पिलाने में खर्च कर देते हैं। इसी कड़ी में भाजपा सांसद कुलस्ते ने बताया था कि कैसे वो चुनाव के दौरान काले धन को किस्तों में ख़र्च करते हैं, ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो सके।
कौन हैं फग्गन सिंह कुलस्ते
मध्यप्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते छह बार जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। वह भाजपा का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा हैं। इसके पहले भी कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। महाकौशल के दिग्गज आदिवासी नेता कुलस्ते मंडला जिले के बारबटी गांव के रहने वाले हैं।
कुलस्ते ने भाजपा से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1988 में सामान्य कार्यकर्ता के रूप में शुरू की। 1999 के लोकसभा चुनाव में जीतकर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री का प्रभार संभाला। वहीं 1999 से 2004 तक केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री बने। 2012 में राज्यसभा में चुने गए। 2014 में लोकसभा चुनाव जीते। 2016 से 2017 तक केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री रहे। हालांकि बाद में हुए फेरबदल में उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया।
2019 के लोकसभा चुनाव में कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल मरावी को हराकर संसद पहुंचे हैं। आदिवासी बहुल इस सीट पर 1996 सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते ही भाजपा के प्रत्याशी रहे हैं। 1996 से अब तक भाजपा को यहां से छह बार और कांग्रेस को एक बार जीत हासिल हुई है।