Congress Rahul Gandhi News: सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की राय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालना चाहिए, हालांकि राहुल गांधी अपने पुराने फैसले पर अडिग हैं.
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की जगह कौन लेगा? सत्ता के गलियारों के यह इस वक्त का सबसे बड़ा सवाल है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी में आंतरिक चुनावों की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शनिवार से शुरू हो चुकी है. यह प्रक्रिया जब सितंबर में खत्म होगी, तो शायद पार्टी को एक नया अध्यक्ष मिल गया होगा. लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है.
सबसे बड़ी चुनौती राहुल गांधी का वह फैसला है जिसके तहत उन्होंने फिर से पार्टी की बागडोर संभालने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने दिसंबर 2017 में मां सोनिया गांधी से पार्टी का पदभार संभाला था, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद 2019 में इस्तीफा दे दिया. और तब से उन्होंने कहा है कि वह एक पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर ही संतुष्ट हैं.
कांग्रेस को स्थाई अध्यक्ष की जरूरत क्यों है?
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के 2024 में प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए रिंग में अपना दांव फेंकने के साथ, यह स्पष्ट है कि अगला लोकसभा चुनाव व्यक्तित्वों की अध्यक्षीय-शैली की लड़ाई की तरह होगा. और जैसे-जैसे यह दौड़ तेज होती जा रही है, ऐसे में कांग्रेस के पास एक पूर्ण नेता का नहीं होना उसकी आदर्श छवि के लिए ठीक नहीं है. अगर कांग्रेस 2023 में – जब आम चुनावों के लिए प्रचार तेज हो जाएगा – एक पूर्णकालिक अध्यक्ष के बिना चुनावी अभियान में उतरती हैं, तो ऐसी स्थिति में भ्रमित कैडर के पास सभी प्रचार सामग्री में राहुल गांधी को अपने चुनावी चेहरे के रूप में पेश करने के अलावा कोई विकल्प होगा.
राहुल गांधी का फैसला कांग्रेस के लिए भी अच्छे संकेत नहीं
राहुल गांधी का अध्यक्ष के रूप में फिर से कांग्रेस की बागडोर ना संभालने का फैसला पार्टी के लिए भी अच्छे संकेत नहीं हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने एक बार शिकायत की थी कि कांग्रेस अब दोहरे से त्रिकोणीय सत्ता केंद्रों की ओर बढ़ गई है, जिसमें तीन गांधी – सोनिया, राहुल और प्रियंका – शामिल हैं. भाजपा चाहती है कि 2019 में शिकस्त झेलने वाले राहुल को नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़ा किया जाए, लेकिन कांग्रेस अब नेतृत्व के सवाल को टालने का जोखिम नहीं उठा सकती.
राहुल गांधी नहीं, तो फिर कौन होगा कांग्रेस प्रमुख?
पार्टी अध्यक्ष पद के लिए गैर-गांधी उम्मीदवारों की सूची का कोई मतलब नहीं है क्योंकि किसी और के लिए यहां सफल होना का कोई मौका नहीं है. कोविड -19 का दूसरा संक्रमण झेलने के बाद, सोनिया गांधी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी अब पद पर नहीं बने रहना चाहती हैं. राहुल गांधी ने भी बार-बार यह संदेश दिया है कि वह अध्यक्ष के अलावा किसी भी हैसियत से पार्टी के लिए काम करने को तैयार हैं.
प्रियंका गांधी पहले ही अध्यक्ष पद के लिए इनकार कर चुकी हैं
कई कांग्रेसियों को लगता है कि पार्टी की बागडोर एक गांधी के हाथों में रहनी चाहिए, खासकर जब से उसके पास अपने हालिया चुनावी रिपोर्ट कार्ड में दिखाने के लिए बहुत कुछ नहीं है. जब कांग्रेस सबसे कमजोर स्थिति में होगी, तब गांधी परिवार भी नियंत्रण नहीं छोड़ना चाहेगा. ऐसे में फिर प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम सामने आता है. प्रियंका ने अब तक भाई राहुल के लिए अंतर्गत ही काम करना पसंद किया है. एक बार पहले ही जब उनसे कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था, ‘वह मेरे नेता हैं. मैं उन्हें रिपोर्ट करती हूं. मैं उत्तर प्रदेश पर फोकस करूंगी.’
गैर-गांधी की सूची में कौन-कौन से नाम हैं?
लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि मोदी सरकार और महिला मतदाताओं तक बीजेपी की सफल पहुंच को कम करने के लिए सोनिया गांधी की जगह एक महिला अध्यक्ष को ही पार्टी की बागडोर संभालनी चाहिए. हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों के अपने रुख पर कायम रहने की संभावना के बीच कुछ गैर-गांधी नाम भी अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में हैं. उनमें से सबसे ऊपर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, जो इस शीर्ष भूमिका के लिए सही अनुभव और वरिष्ठता रखते हैं. अगले साल राजस्थान में कांग्रेस के लिए सत्ताविरोधी लहर की आशंका को देखते हुए, गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनने के विचार के खिलाफ नहीं हो सकते हैं. सूची में शामिल अन्य नाम अंबिका सोनी और मुकुल वासनिक के हैं.
‘कांग्रेस अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू’
लेकिन क्या एक गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी को एकजुट कर पाएगा और एक गांधी के रूप में स्वाभाविक अधिकार हासिल कर पाएगा? या कांग्रेस को वैसी ही आपत्ति झेलनी पड़ेगी जैसी मनमोहन सिंह ने यूपीए में की थी जब उन्हें पीएम बनने के लिए चुना गया था? कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘प्रक्रिया शुरू हो गई है. हमारे पास एक संयुक्त नेतृत्व है और जल्द ही, हमें एक अध्यक्ष मिलेगा.’ पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया भले ही शुरू हो गई हो, लेकिन तलाश काफी लंबी चलने वाली है.