Air Force News: लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (LCH) सोमवार को वायुसेना में शामिल होगा. इससे वायुसेना की ताकत जबरदस्त बढ़ जाएगी. एलसीएच पूरी तरह स्वदेशी हेलीकॉप्टर है. इस हैलिकॉप्टर से एयर टू एयर मिसाइल फायर की जा सकती है. इसके अलावा इसमें 20 एमएम की गन भी लगी है. इस हैलिकॉप्टर से 70 एमएम का रॉकेट भी फायर किया जा सकता है.
हाइलाइट्स
वायुसेना में इस महीने शामिल होगा स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हैलिकॉप्टर
पाकिस्तान बॉर्डर पर वायुसेना की ताकत में होगा इजाफा
जमीन और हवा में सटीक हमला कर सकता है एलसीएच
जोधपुर. आत्मनिर्भर भारत के तहत भारतीय सेना के तीनों अंग अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं. नौसेना में 2 सितंबर को स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत शामिल हुआ था. और अब ठीक एक महीने बाद अक्टूबर में भारतीय वायुसेना में स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हैलिकॉप्टर (LCH) शामिल होगा. इसकी पहली तैनाती भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास जोधपुर में होगी. भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बैंगलुरु में एलसीएच में उड़ान भी भरी थी.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को एलसीएच को आधिकारिक तौर पर वायुसेना में शामिल करेंगे. इस हैलिकॉप्टर के ट्रायल हाई एल्टीट्यूड एरिया में सफलता पूर्वक पूरे किए गए थे. सूत्रों की मानें तो वायुसेना में 60 एलसीएच शामिल किए जाने की योजना है. पहली यूनिट के पूरा होते वक्त वायुसेना को 10 हैलिकॉप्टर मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि एलसीएच पूरी तरह स्वदेशी है. यह बहुत तेजी से हमला करता है. इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है. इस हैलिकॉप्टर से एयर टू एयर मिसाइल फायर की जा सकती है. है इसके अलावा इसमें 20 एमएम की गन भी लगी है. इस हैलिकॉप्टर से 70 एमएम का रॉकेट भी फायर किया जा सकता है.
सियाचिन में भी भर सकता है उड़ान
यह दुनिया का पहला ऐसा अटैक हैलिकॉप्टर है जो हाई एल्टीट्यूड और सियाचिन में भी उड़ान भर सकता है. इस हैलिकॉप्टर में पायलट हैलमेंट माउंटेड साईट और इंफ्रारेड साईटिंग सिस्टम के जरिये जमीन और हवा में किसी भी लक्ष्य को आसानी से भेद सकता है. इसकी बात यह है कि जब पायलट लक्ष्य पर निशाना लगाएगा, तो उसे उसकी तरफ मुड़ने की जरूरत नहीं होगी. हैलमेंट माउंटेड साईट से जब पायलट मिसाइल या रॉकेट फायर करेगा तो वह अपने आप लक्ष्य को मार गिराएंगे.
यह भी है खासियत
बता दें, यह हैलिकॉप्टर सेल्फ प्रोटेक्शन सूट से लैस है. इसमें रडार और लेजर मिसाइल वॉर्निग सिस्टम लगा हुआ है. यह कम विजिबिल्टी में भी दिन-रात उड़ान भर सकता है. भारत अब तक रूस से लिए गए MI-35 हैलिकॉप्टर को इसेतमाल कर रहा है, लेकिन अब वह पुराने हो चुके हैं. एक रिटायर हो चुका है और सूत्रों के मुताबिक दूसरे का कुछ और सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा. शक्ति को बढ़ाने के लिए भारत ने हाल ही में अमेरिका से दुनिया का सबसे खतरनाक अटैक हैलिकॉप्टर अपाचे को वायुसेना में शामिल किया था.
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