पामगढ़: ब्लॉक परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा पामगढ़ के द्वारा बीआरसी भवन पामगढ़ में 20 जनवरी को विकासखंड स्तरीय शाला प्रबंधन समिति और शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण आयोजित किया गया,जिसमें विकासखंड पामगढ़ के प्रत्येक संकुल से एक-एक शिक्षकों एवं सदस्यों ने प्रशिक्षण में हिस्सा लिया।जिला स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए मास्टर ट्रेनर हेमंत कुमार यादव एवं संतराम जोशी द्वारा इन्हें प्रशिक्षित किया गया।
सरस्वती पूजन के साथ प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ,बीआरसी दुष्यंत भर्तृहरि ने कहा कि विकास खंड में दी जा रही प्रशिक्षण को गंभीरता से लेते हुए सभी को अपने संकुलों में बेहतर प्रशिक्षण देना है। 23 जनवरी को संकुल स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक स्कूल से एक-एक शिक्षक एवं समिति के सदस्य हिस्सा लेंगे।
मास्टर ट्रेनर हेमंत यादव के द्वारा शाला समिति के गठन का उद्देश्य,भूमिका,कार्यक्षेत्र,उत्तरदायित्व,विद्यालय विकास में सहयोग,उनके अधिकार क्षेत्रआदि विभिन्न क्षेत्रों की प्रशिक्षकों को विस्तार से जानकारी दी गई।उन्होंने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए शाला प्रबंधन समिति, समुदाय एवं शिक्षक के आपसी ताल मेल से ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकता है,इसके लिए आवश्यक है कि शाला समिति के सदस्यों एवं सदस्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षति किया जाए जिससे वे विद्यालय के प्रति अपने कर्तव्य एवं भूमिका को समझ सके। इनके द्वारा प्रशिक्षकों को बताया गया कि बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कुछ विशेष,भूमिकाएं एवं जवाबदारियों के साथ शाला समिति का गठन किया जाता है।एक अच्छे स्कूल की बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के साथ स्कूल के समग्र विकास में सामुदायिक भागीदारी के साथ वित्त प्रबंधन एवं बच्चों के शैक्षिक उन्नति समिति की सक्रियता पर निर्भर करती है।शाला प्रबंधन समिति की जवाबदारियां,शाला में मानवी एवं भौतिक संसाधन सुविधा हेतु समिति की भूमिका,विद्यालय में बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधार हेतु शाला समिति के कार्य,शाला परिसर एवं कक्षा कक्षा का अवलोकन के साथ स्वच्छता का निर्धारण करना,शालाविकास योजना का निर्माण करना आदि बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।सबसे महत्वपूर्ण कड़ी समिति एवं विद्यालय मिलकर स्कूल का विस्तृत विश्लेषण करते हुए उपलब्ध संसाधनों,आवश्यकतओं और कमियों के साथ भौतिक एवं मानवीय संसाधनों के आधार पर आगामी 3 वर्ष की”स्कूल डेवलपमेंट प्लान”तैयार करें एवं छोटी-छोटी समस्याओं को आपसी सामंजस्य व सामुदायिक सहभागिता से हल करते जाएं।स्कूल के वातावरण को आकर्षक एवं शैक्षिक बनाने में सभी से सहयोग प्राप्त करें।इससे विद्यालय का विकास सहज में होगा एवं शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता भी आएगी। मास्टर ट्रेनर संतराम जोशी ने शाला प्रबंधन समिति के गठन की जानकारी दी।कहानी के माध्यम से बताया की अपनी कमजोर धारणाओं को तोड़कर कैसे हम अपनी क्षमता को पहचाने।इसके साथ ही घरों में बच्चों को किस प्रकार पढ़ाई का माहौल एवं सहयोग नहीं मिल पाता इसे विभिन्न चित्रों के माध्यम से बताए एवं गुड पेरेंटिंग के द्वारा कैसे बच्चों का सहयोग प्रदान किया जाता है,और शाला प्रबंधन समिति के द्वारा कैसे सहयोग किया जाए इस पर विस्तार से जानकारी देते हुए सभी से चर्चा भी की गई। इस अवसर पर जिला मिशन समन्वयक आर के तिवारी का भी आगमन हुआ एवं उनके द्वारा भी प्रशिक्षण की जानकारी दी गई।