लोकतंत्र में अब मुखर होकर ग़लतियाँ बताने वाले को अपना विरोधी मानने और बताने का दौर चल रहा है।
यदि मीडिया के साथी किसी मुद्दे पर एकतरफ़ा रिपोर्ट कर भी रहे हैं तो आपको हक है अपना पक्ष रखें। नीर-क्षीर करने की ज़िम्मेदारी पाठक और दर्शकों पर छोड़ा जाए।
Vikram Mandavi विधायक हैं। उन्हें लोकतंत्र पर भरोसा है तो यह पत्र तानाशाही प्रवृत्ति का द्योतक है।
Mukesh Chandrakar , Ranjan Dass ,Ishu Soni , Chetan Kapewar की पत्रकारिता पर मुझे कभी शक नहीं रहा। जिस दौर में कांग्रेस के बड़े नेता अपने ही नेतृत्व को धोखा दे रहे हैं वैसे समय में ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष का यह पत्र हमारी निंदा से ज़्यादा कांग्रेस की चिंता का विषय होना चाहिए…