उद्यानिकी विभाग की राज्य पोषित योजना की मदद एवं नई तकनीक से भिंडी की खेती ने कृषक अजय के जीवन में एक नई बहार ला दी है। परंपरागत खेती को छोडकर पहली बार तीन एकड़ से अधिक रकबे पर भिण्डी की फसल लेकर अजय को बेहतर मुनाफा मिला अजय ने बताया की यह सब उद्यान अधिकारी रंजना माखीजा के निर्देशानुसार अमोरा उद्यान प्रभारी प्रियंका सिंह सेंगर के तकनीकी सलाह से उसे मिल सका है 210 क्विंटल भिण्डी मे उसे खर्च काटकर लगभग एक लाख नब्बे हजार का फायदा मिला है ! परंपरागत खेती मे बमुश्किल से उसे ले देकर लाख रूपए तक ही बचत हो पाती थी लेकिन उद्यान प्रभारी प्रियंका सिंह सेंगर की सलाह से उसने धान फसल का मोह छोडकर भिण्डी की फसल लगाई जिसमे उसे बम्पर फायदा हुआ धान की खेती में उसे पहले बमुश्किल 15-20 हजार रुपए की आमदनी होती थी। इस संबंध मे विस्तृत जानकारी देते हुए अमोरा उद्यान प्रभारी प्रिंयंका सिंह सेंगर ने बताया की बड़ी संख्या में किसान नुकसान उठाने के बाद कृषि कार्यों को छोड़ रहे हैं. तो वहीं पूर्व में कृषि काम छोड़ चुके कई लोग योजनाबद्ध तरीके से खेती करने के लिए वापस कृषि की तरफ लौटे हैं. जिन्होंने खेती के बदले उद्यानिकी को मुनाफे का सौदा साबित कर मिशाल पेश की है. ऐसी ही सफलता की कहानी मुडपार के युवक अजय की है. जो पहले परंपरागत खेती करता था लेकिन उद्यानिकी विभाग की प्रेरणा से अब भिण्डी फसल की पैदावर मे धान के फसल से भी अधिक आय प्राप्त कर खुशहाल जीवन जी रहा है