बिलासपुर
झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से 15 अगस्त को हुई महिला की मौत के बाद अगले ही दिन 16 अगस्त को एक युवक ने भी दम तोड़ दिया। एक माह में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से चार लोगों की मौत हो चुकी है।
बिलासपुर। झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से लगातार दूसरे दिन फिर से एक युवक ने दम तोड़ दिया है। रतनपुर थाना क्षेत्र में 15 अगस्त को एक महिला की मौत झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हुई थी। वही 16 अगस्त को भी झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक युवक की मौत हो गई है। बता दे कि कुछ दिनों तक प्रशासन ने झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के लिए अभियान चलाया था। बावजूद इसके झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम नहीं लग पाया और एक माह के भीतर ही डॉक्टरों की इलाज से बिलासपुर जिले में ही चार लोगों ने अपना दम तोड़ दिया। हालांकि प्रशासन की टीम ने 15 अगस्त को महिला की मौत के बाद झोला छाप डॉक्टर के क्लीनिक को सील करने की कार्यवाही की है।रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खैरा में श्रीकुमार आर्मो की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब थी। उसे सर्दी, खांसी और बुखार आ रहा था। कल शुक्रवार की सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर गांव में ही क्लीनिक चलाने वाले झोलाछाप डॉक्टर कुमार सिंह राजपूत को घर आकर श्रीकुमार आर्मो को देखने के लिए कहा। तब झोलाछाप डॉक्टर कुमार सिंह राजपूत ने सुबह 5 बजे घर आकर श्रीकुमार आर्मो को इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही तबीयत ठीक होने का दावा झोलाछाप डॉक्टर ने किया था। पर इंजेक्शन लगाने के बाद श्रीकुमार की हालत और बिगड़ गई। इंजेक्शन लगाने के साथ ही वह पसीना–पसीना हो गया। पर परिजनों को पसीने के माध्यम से बुखार और बीमारी निकलने पर ठीक हो जाने का झांसा दे झोलाछाप डॉक्टर कुमार सिंह राजपूत मौके से चला गया।श्रीकुमार आर्मों की तबीयत सुधरने के बजाय उल्टा बिगड़ते चली गई। स्थिति गंभीर होते देख परिजन श्रीकुमार को इलाज के लिए रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर गए। पर डॉक्टरों ने वहां उसे परीक्षण के उपरांत मृत घोषित कर दिया। वही मामले में मृतक श्रीकुमार आर्मों के चाचा ने मीडिया को बताया कि उनके गांव खैरा में दो झोलाछाप डॉक्टर है। कुमार सिंह राजपूत परसदा गांव का रहने वाला है और खैरा गांव में क्लीनिक चलाता है। श्रीकुमार की तबीयत बिगड़ने पर पहले गांव में क्लीनिक संचालित करने वाले एक अन्य झोलाछाप डॉक्टर को बुलाया गया था। पर इतनी सुबह नहीं आने की बात कहते हुए पहले वाले झोलाछाप डॉक्टर ने आने से इनकार कर दिया। तब परिजनों ने कुमार सिंह राजपूत को बुलाया और उसके इंजेक्शन लगाते ही श्रीकुमार की तबीयत बिगड़ गई तथा उसने दम तोड़ दिया।बता दे कि पिछले 1 माह में बिलासपुर जिले के रतनपुर तथा कोटा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज के बाद चार लोगों ने दम तोड़ दिया है। प्रशासन ने कुछ दिनों तक अभियान चला कर झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही की थी। इसके बाद अभियान बंद है और झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक बदस्तूर जारी है। हालांकि रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कलमीटार में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से 15 अगस्त को 35 वर्षीय महिला की मौत के बाद झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक को प्रशासन ने सील किया था। पर यदि यही कार्यवाही पहले हो जाती तो हो सकता है कि महिला की जान बच सकती थी।15 अगस्त गुरुवार को कलमीटार निवासी 35 वर्षीया महिला रेखा बिंझवार पति लक्ष्मी बिंझवार की तबीयत बिगड़ने पर गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर सत्यजीत गोलदार से इलाज करवाया गया था। महिला को झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा इंजेक्शन लगाया गया था। जिस पर उसे खून की उल्टियां हुई। हालत बिगड़ने पर उसे रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया पर उसकी गुरुवार को ही मौत हो गई। जिसके बाद झोलाछाप अपना क्लीनिक बंद कर फरार हो गया।बता दे झोलाछाप डॉक्टर सत्यजीत गोलदार यश मेडिकल स्टोर संचालित करता है। मेडिकल स्टोर की आड़ में उसके बाजू में ही अवैध रूप से क्लीनिक चलाता है।मामले की खबर मीडिया में आते ही शुक्रवार को रतनपुर तहसीलदार पुलिस बल व डॉक्टर की टीम के साथ जांच के लिए कलमीटार पहुंचे थे और यश मेडिकल स्टोर तथा क्लिनिक को सील करने की कार्यवाही की थी। अब देखना यह है कि युवक की मौत के मामले में कब तक प्रशासन की टीम कार्यवाही करती है।