कोरबा
रिश्वत मांगने के मामले में कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोप है कि पटवारी ने फौती नामांतरण के लिए 80,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। कलेक्टर अजीत वसंत ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पटवारी विमल सिंह को सस्पेंड कर दिया है। कोरबा जिले के ग्राम कोरकोमा का ये पूरा मामला है, जहां अरजन सिंह चौधरी नामक ग्रामीण ने फौती नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन किया था।तहसील भैसमा के पटवारी विमल सिंह ने फौती नामांतरण के बदले अरजन सिंह से 80,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ग्रामीण ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन और मीडिया से की। जब मामला मीडिया में प्रमुखता से उठाया गया, तब कलेक्टर अजीत वसंत ने इसकी जांच के आदेश दिए।शासकीय कार्य में उदासीनता व लापरवाही बरतने पर यह कार्रवाई की गई है। पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।संतोषजनक जवाब नहीं देने पर शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता व घोर लापरवाही को छत्तीसगढ़ सिविल आचरण नियम का उल्लंघन मानते हुए कलेक्टर ने पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनकी ड्यूटी पसान तहसील के राजस्व निरीक्षण मंडल जटगा में नियत किया है। निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। कलेक्टर ने भैंसमा तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की है।