नई दिल्ली। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान (Abhinandan varthaman) शुक्रवार रात करीब 9.15 बजे स्वदेश लौटे। वाघा-अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत के जांबाज पायलट को एयरफोर्स को सौंपा। अभिनंदन की वापसी भारत की पाकिस्तान पर एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। जिस तरीके से पाकिस्तान लगातार झूठे दावे कर रहा था और इसके बाद भारत सरकार ने जो सख्त रवैया अपनाया, उसके आगे पाकिस्तान की एक ना चली। इसके बाद गुरुवार को पाक पीएम इमरान खान ने शांति की पहल का हवाला देते हुए अभिनंदन को रिहा करने की बात कही थी। दुनिया भर की मीडिया की नजरें शुक्रवार को अभिनंदन की भारत वापसी पर टिकीं थी और अलग-अलग देशों के कई अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता से जगह दी है।
वॉशिंगटन पोस्ट
द वॉशिंगटन पोस्ट
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा, मिलिए उस पायलट से जिसने शायद भारत-पाक के बीच संभावित युद्ध को टाल दिया है। वॉशिंगटन पोस्ट ने अभिनंदन की बहादुरी की तारीफ की और युद्ध टालने का श्रेय दिया। ‘वे पैराशूट से लैंड करते वक्त दुश्मन देश की जमीन पर जा पहुंचे, गुस्साए स्थानीय लोगों को खुद से दूर रखने के लिए अभिनंदन ने हवा में फायर किया। इसके बाद एक तालाब में कूदकर महत्वपूर्ण कागजातों को नष्ट कर दिया।’
अलजजीरा
अल जजीरा
अल जजीरा ने लिखा, पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के पायलट को रिहा कर दिया। पाकिस्तान ने पड़ोसी देश के बीच बढ़े तनाव को कम करने का हवाला देते हुए पायलट को रिहा किया है। अल जजीरा ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक बयान का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय पायलट को हिरासत में गरिमा के साथ और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप रखा गया था।
गार्डियन
द गार्डियन
द गार्डियन ने लिखा, पाकिस्तान ने ‘शांति की पहल’ के तहत विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने का फैसला किया। अखबार ने लिखा कि पाकिस्तान ने शांति और दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की पहल की एक कोशिश के तहत पायलट को रिहा किया है।
सीएनएन
सीएनएन ने क्या कहा
पाक के कश्मीर मुद्दे पर टेंशन कम करने की कोशिश का हवाला देते हुए सीएनएन ने लिखा, परमाणु हथियारों से लैस दो देशों के बीच तनाव के दौरान मिग क्रैश होने के बाद विंग कमांडर पाकिस्तान जा पहुंचे थे। नीले ब्लेज़र और सफेद शर्ट में अभिनंदन को पाकिस्तान विदेश कार्यालय के अधिकारियों और पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत के हवाले किया, जहां उन्हें लेने के लिए भारतीय सेना के अधिकारी मौजूद थे।