सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) बड़े संकट में फंस गई है. वित्तीय संकट से जूझ रही बीएसएनएल ने अभी तक अपने करीब 1.76 लाख कर्मचारियों को फरवरी की सैलरी नहीं दी है. कर्मचारी संघ ने दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर जल्द समाधान के लिए कहा है. आपको बता दें कि बीएसएनएल की करीब 55 फीसदी आमदनी वेतन के भुगतान में जाती है. वहीं, कंपनी का वेतन बिल सालाना 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. कंपनी की आमदनी स्थिर है.
क्यों नहीं मिली सैलरी- अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, मार्च महीने के वेतन में कुछ दिनों की देरी होगी. कंपनी के पास आमतौर पर बिजनेस कंपनियों की ओर से बिलिंग भुगतान के बाद पैसा आता है. बीएसएनएल बोर्ड ने बैंक लोन लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन दूरसंचार विभाग ने अभी तक इसे आगे नहीं बढ़ाया है. बीएसएनएल का घाटा हर साल बढ़ता जा रहा है. इसने वित्त वर्ष 18 के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 17 में यह 4,786 करोड़ रुपये था.
सरकार ने कहा- मनोज सिन्हा ने बीएसएनएल (एयूएबी) के सभी यूनियनों और एसोसिएशनों के एक पत्र में कहा, अन्य टेलीकॉम ऑपरेटरों भी वित्तीय संकट का सामना किया जा रहा है, लेकिन ये कंपनियां निवेश कर स्थिति को मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं.