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छत्तीसगढ़ : भिलाई में स्थापित होगा रेलवे का सौर ऊर्जा आधारित पावर प्लांट




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बिलासपुर

आने वाले दिनों में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख कार्यालयों से लेकर रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से जगमगाएगा। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने भिलाई में सौर ऊर्जा आधारित पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। राज्य शासन ने इस पर अपनी सहमति दे दी है । शासन से मिली मंजूरी के बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का सोलर पावर प्लांट भिलाई में स्थापित होगा। रेल एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड दिल्ली और एसईसीआर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद अब कंपनी बहुत जल्द काम चालू करने वाली है।

कोयला आधारित बिजली घरों से महंगी बिजली खरीदने की एवज में हर माह भारी-भरकम बिजली बिल की राशि अदा करने के बाद हर महीने खर्च से बचने और अपना राजस्व बढ़ाने की कवायद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने शुरू कर दी है। तेजी से आधुनिकीकरण की पटरी पर दौड़ने की तैयारी कर रही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नई कवायद के रूप में अब सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर चुका है। भारतीय रेलवे की सहयोगी संस्था रेल एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड दिल्ली के साथ उसने एक करार पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन के लिए सोलर पावर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। एसईसीआर के जोन मुख्यालय को प-ा भरोसा है कि यहां से बिजली उत्पादन के बाद अपने राजस्व में और वृद्घि कर सकेगा। करार के मुताबिक एसईसीआर ने रेल एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को भिलाई में सोलर पावर प्लांट स्थापना का प्रस्ताव दिया था, जिसे उसने मंजूर कर लिया है। एमओयू साइन किए जाने के बाद कंपनी बहुत जल्द पावर प्लांट स्थापना की तैयारी शुरू करने जा रही है।

प्रतिदिन होगा 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन

एमओयू के मुताबिक रेल एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड अपने इस प्रस्तावित सोलर पावर प्लांट से रोज 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी। यह पूरी बिजली दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को दी जाएगी। अपने उपयोग के बाद बचने वाली बिजली एसईसीआर बाहर बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र होगी। करार के अनुसार पीपीपी मोड पर तैयार होने वाले इस सोलर पावर प्लांट की स्थापना और बिजली उत्पादन के पहले दिन से लेकर अगले 20 साल तक इस पावर प्लांट के प्रबंधन की जिम्मेदारी मूल कंपनी रेल एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड की होगी। 20 साल बाद यह पावर प्लांट दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को सौंप दिया जाएगा।

इसलिए अपना पावर प्लांट

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे हर माह बिजली बिल के रूप में एक अच्छी खासी रकम बिजली कंपनी को बिजली बिल के रूप में अदा करता रहा है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर उसे बाहर से भी बिजली खरीदनी पड़ती है। सोलर पावर प्लांट की स्थापना के बाद जो बिजली उसे मिलेगी, उससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा जरूरत के बाद बची बिजली बाजार में बेची जा सकेगी।

वर्जन

एसईसीआर को सौर ऊर्जा आधारित पावर प्लांट स्थापना की मंजूरी मिल चुकी है। शासन स्तर पर मिली सहमति के बाद अब आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

डॉ.संजय अलंग-कलेक्टर

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