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Chhattisgarh : दो धारा में फंसे सिंहदेव, प्रतिष्ठा लगी है दांव पर




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रायपुर। लोकसभा की चुनावी लहर में प्रदेश के एक मंत्री टीएस सिंहदेव ऐसे हैं, जो दो धाराओं में फंसे हैं। एक तरफ तो वे न केवल सरगुजा लोकसभा सीट, बल्कि सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीटों की कमान संभाले हुए हैं। दूसरी तरफ, सिंहदेव के कंधे पर ओडिशा की भी जिम्मेदारी है। उनकी दोनों जगहों पर प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर सभी 11 मंत्रियों ने अपने प्रभार वाले जिलों और लोकसभा सीटों का मोर्चा संभाल लिया है। ताबड़तोड़ सभा और दौर चल रहा है। इन सबसे ज्यादा व्यस्तता और जिम्मेदारी सिंहदेव पर है।

मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें सरगुजा लोकसभा का प्रभारी बनाया है, लेकिन इस पूरे संभाग में आने वाली विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। सरगुजा लोकसभा सीट के अंतर्गत आठ विधानसभा सीट प्रेमनगर, भटगांव, अंबिकापुर, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुण्ड्रा, सीतापुर आती है, जबकि सरगुजा संभाग की बाकी छह सीट दो लोकसभा सीटों में बंटी हुई है।

रायगढ़ लोकसभा सीट में जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव और कोरबा लोकसभा सीट में भरतपुर-सोनहट, मनेंद्रगढ़, बैकुण्ठपुर विधानसभा सीट आती है। विधानसभा चुनाव 2018 में संभाग की सभी 14 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सिंहदेव को मिली थी। सिंहदेव के नेतृत्व में कांग्रेस को सभी सीटों पर जीत मिली, लेकिन कांग्रेस और सिंहदेव के लिए लोकसभा चुनाव चुनौती है।

इसका कारण यह है कि राज्य बनने के बाद हुए तीन लोकसभा चुनाव में हर बार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। अब संभाग की सारी विधानसभा सीटें कांग्रेस के कब्जे वाली हैं, तो सिहंदेव पर जिम्मेदारी है कि वे इस बार भाजपा के किले में सेंध लगाएं। दूसरी तरफ, सिंहदेव को ओडिशा भी देखना है।

एक माह पहले ही राहुल गांधी ने उन्हें ओडिशा का प्रभारी बनाया है। ओडिशा के प्रभारी जितेंद्र सिंह भी हैं, लेकिन वे खुद चुनाव लड़ रहे हैं। सिंहदेव छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे नेता हैं, जिन्हें पार्टी हाईकमान ने दूसरे राज्य का प्रभारी बनाया है। ओडिशा में पिछले चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन सिंहदेव की कोशिश है कि वे अच्छा परफॉर्मेंस देकर न केवल अपना, बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस का भी राष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ाने में सफल हों।

पुनिया, बघेल ने बाकी सीट पर भी सभा करने कहा

सिंहदेव पर पहले से जिम्मेदारी ज्यादा है और अब छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कह दिया है कि उन्हें सरगुजा के अलावा बाकी 10 लोकसभा सीटों पर भी सभाएं करनी हैं। सिंहदेव ने सरगुजा से निकलकर लोकसभा चुनाव की पहली सभा मंगलवार को बस्तर सीट के किंजोली गांव में की।

30-30 सभाओं का रखा लक्ष्य

सिंहदेव ने ‘नईदुनिया” से चर्चा में कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ और ओडिशा में 30-30 चुनावी सभा करने का लक्ष्य रखा है। ओडिशा में अब तक सात सभा हो चुकी है। चार या पांच अप्रैल को राहुल गांधी की भुवनेश्वर में सभा है। उसके बाद सरगुजा संभाग और प्रदेश की बाकी सीटों को फोकस किया जाएगा।

हर सीट पर बनी हुई है टीम

सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा संभाग में पार्टी के सक्रिय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की टीम बनी हुई है, जिसने विधानसभा चुनाव में बहुत अच्छे से काम किया। लोकसभा चुनाव में भी वही टीम ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है। तीन अप्रैल को संभाग के नेताओं-कार्यकर्ताओं की बैठक भी रखी है, जिसमें आगे की रणनीति पर बात होगी।