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छत्तीसगढ़ : जिला चिकित्सालयों में ली जाएंगी निजी विशेषज्ञों की सेवाएं




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राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा का दौर मंगलवार को भी जारी रहा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने एक निजी होटल में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जन्स के साथ अस्पतालों की व्यवस्था एवं वहां उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने व्यवस्था सुधारने जरूरी निर्देश भी दिए। सिंहदेव ने प्रदेश के सभी छह मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था की भी जानकारी ली। उन्होंने आयुष विभाग और कंट्रोलर, फूड व ड्रग्स के कार्यो की भी समीक्षा की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं शिखा राजपूत तिवारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एसएल आदिले, संचालक आयुष डॉ. जीएस बदेशा तथा कंट्रोलर फूड एवं ड्रग्स सत्यनारायण राठौर सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन और अधीक्षक मौजूद थे।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सभी जिला चिकित्सालयों की कमियों और खामियों को दूर करते हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी वाले जिला अस्पतालों में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सेवाएं लेने कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला खनिज निधि या जीवनदीप समिति की राशि का उपयोग किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग भी राशि उपलब्ध कराएगी। सिंहदेव ने सभी जिला चिकित्सालयों की सुरक्षा और फायर-सेफ्टी आॅडिट कराकर प्रमाणित एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के भी निर्देश दिए।

सिंहदेव ने बैठक में कहा कि अस्पतालों की अधोसंरचना मजबूत करने के लिए इस वर्ष 98 करोड़ 20 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के नए भवन के लिए साढ़े 12 करोड़ रुपये, 36 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 100 स्टॉफ क्वार्टरों के लिए साढ़े 36 करोड़ रूपए, 19 जिला चिकित्सालयो में 100 स्टॉफ क्वार्टरों के लिए साढ़े 36 करोड़ रुपये तथा 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए 12 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में अच्छा काम करने वाले सिविल सर्जनों की पीठ थपथपाई। वहीं खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों के सिविल सर्जनों को जल्द से जल्द काम सुधारने को कहा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के इलाज के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतें।

इसमें किसी तरह की कोताही नहीं होना चाहिए। उन्होंने अस्पतालों से निकलने वाले बायो-मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल उच्चतम न्यायालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निदेर्शों के अनुरूप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सिंहदेव ने सभी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों के अनुरूप सुविधाएं के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों को पिछले तीन वर्ष में मिली राशि और किए गए खर्चों की जानकारी उपलब्ध कराने कहा। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों को दी जाने वाली राशि का भरपूर उपयोग करते हुए वहां आवश्यक संसाधन जुटाए जाएं।