पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का शुक्रवार को राज्यसभा में कार्यकाल खत्म हो गया। वे 28 साल तक राज्यसभा सांसद रहे। मनमोहन पहली बार 1991 में असम से राज्यसभा सांसद चुने गए थे। मनमोहन 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे। 1991 के बाद से यह पहला मौका है जब मनमोहन संसद से बाहर रहेंगे। इस बार मनमोहन के असम से राज्यसभा में चुनकर आने की संभावना कम है।
असम में राज्यसभा की दो सीट हैं। इस बार कांग्रेस के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होगा, क्योंकि असम विधानसभा की 126 में से कांग्रेस के पास सिर्फ 26 सीट हैं। एआईयूडीएफ की 13 सीट हैं। चुनाव में एक सीट भाजपा और दूसरी सीट असम गण परिषद (एजीपी) के हिस्से में आई है। यह दोनों सीट मनमोहन सिंह और एस कुजूर का कार्यकाल खत्म होने से खाली हुई हैं। भाजपा के कामाख्या प्रसाद तासा और एजीपी के बिरेंदर प्रसाद के निर्विरोध चुनाव जीतने की संभावना ज्यादा है।
असम के अलावा 9 अन्य सीटों पर चुनाव
असम के अलावा नौ अन्य सीटों पर चुनाव होना है। ओडिशा की 4, तमिलनाडु से एक, बिहार और गुजरात में 2-2 सीटे के लिए भी चुनाव होगा। इनमें से सिर्फ गुजरात में ही कांग्रेस की एक सीट जीतने की उम्मीद है। मनमोहन सिंह पिछली बार 2013 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। नई सरकार का बजट सत्र इस बार 17 जून से शुरू होने वाला है।