प्रदेश में इस वर्ष के संग्रहण सीजन में चिरौंजी गुठली 109 रूपए प्रति किलो ग्राम के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किए जायेंगे। चिरौंजी गुठली का संग्रहण प्रारंभ हो चुका है। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि राज्य सरकार वनवासियों को वनोपज के अच्छे दाम दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। शासन की मंशा है कि इन्हें लघु वनोपजांे के विक्रय का अधिक से अधिक लाभ मिले और इनका जीवन बेहतर हो।
भारत शासन की न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा चिरौंजी गुठली के परिपेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के प्रबंध संचालक श्री राकेश चतुर्वेदी ने जिला यूनियनों द्वारा चिरौंजी गुठली के क्रय हेतु आवश्यक राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
प्रबंध संचालक श्री चतुर्वेदी ने समस्त वनमण्डलाधिकारी एवं जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित को निर्देशित देते हुए कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चिरौंजी गुठली का क्रय पहले की भांति प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा। यह समितियां आवश्यकता अनुसार फड़ो का निर्धारण करेंगी। उन्होंने कहा है कि इसके संग्राहकों को अनिवार्य रूप से संग्रहण कार्ड उपलब्ध कराया जाए। इसमें समय-समय पर वनोपज के संग्रहण और पारिश्रमिक भुगतान की प्रविष्टि की जाएगी। श्री चतुर्वेदी ने कहा है कि चिरौंजी गुठली क्रय करते समय यह ध्यान रखें कि वह उच्च गुणवत्तायुक्त हो। इसके लिए गुठली के नमूने का निर्धारित विधि अनुसार परीक्षण कर लिया जाए।
उन्होंने कहा है कि चिरौंजी गुठली क्रय करने के पश्चात् जल्द से जल्द समस्त जिला यूनियन चिरौंजी गुठली को शीतगृह मंे भंडारण के लिए भेजेंगे। चयनित शीतगृह तक चिरौंजी गुठली के परिवहन शासकीय ट्रकों से या मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन महाप्रबंधक के द्वारा स्वीकृत खुली दर से किया जाएगा।
प्रबंध संचालक ने कहा है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को सूचित किया जावे कि चिरौंजी गुठली की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा नियुक्त फड़ मुंशी के द्वारा की जावेगी। पंचायत ग्रामीणों को यह सलाह भी दें कि किसी व्यापारी को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दर पर चिरौंजी गुठली का विक्रय नहीं करें।
श्री चतुर्वेदी ने कहा है कि यह ध्यान रखें अन्य व्यापारियों, ट्रांजिटों एवं अन्य राज्यों से आने वाले चिरौंजी गुठली का क्रय इस योजना के तहत् कदापि ना किया जाए। इसके लिए वन विभाग, पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा समन्वय बनाकर नियंत्रण रखा जाए। आवश्यकतानुसार जिला कलेक्टर के द्वारा प्रभावी क्रियान्वयन हेतु फ्लाईंग स्क्वाड का गठन भी किया जाए।