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सरकार का दावा – नहीं मिले 500-2000 रुपये के नकली नोट, नोटबंदी के बाद भारत को मिली सबसे बड़ी सफलता




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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने दावा किया है कि नोटबंदी (8 नवंबर-2016) के बाद 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों की वैधता वापस लेने के बाद 2019 की शुरुआत तक 2000 और 500 रुपये के जाली करेंसी नोटों की जब्ती के मामले की कोई सूचना नहीं है. जाली करेंसी के संबंध में सांसद खगेन मुर्मू एवं विनोद कुमार सोनकर की ओर से पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह दावा किया. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा बताए गए आंकड़ों एवं पुलिस एजेंसियों द्वारा की गई जब्ती से यह पता चलता है कि देश में जाली भारतीय करेंसी नोटों के चलन में कमी का रुझान है.

माल्दा क्षेत्र है नकली नोटों का बड़ा स्रोत

मंत्री के मुताबिक पश्चिम बंगाल पुलिस ने सूचित किया है कि भारत-बांग्लादेश सीमा, विशेष रूप से माल्दा क्षेत्र से जाली भारतीय करेंसी नोटों आ रहे थे. ऐसे सभी नोट घटिया किस्म के थे, जो कंप्यूटर से बने हुए थे. सांसदों ने पूछा है कि पिछले चार साल में जाली नोटों से देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान हुआ है. जवाब में मंत्री ने कहा है कि कोई उल्लेखनीय घाटा होना प्रतीत नहीं होता.

मंत्री बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 1 जुलाई, 2019 के पत्र के मुताबिक काउंटर या बैंक आफिस/तिजोरी में मिले जाली नोटों को ग्राहक के खाते में जमा नहीं किया जाएगा.>> आरबीआई ने सभी बैंकों को सलाह दी है कि वे अपनी सभी शाखाओं में कटे-फटे व खराब नोटों को स्वीकार करें. फाइनेंस और भुगतान बैंक (पेमेंट बैंक) कटे-फटे और खराब नोटों की अपने विवेक से अदला-बदली कर सकते हैं.

जाली नोटों का चलन रोकने के लिए इंतजाम-
सरकार ने देश में जाली नोटों की तस्करी और चलन रोकने के लिए केंद्र-राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच जानकारी साझा कराने का फैसला लिया है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने जाली भारतीय करेंसी नोट समन्वय समूह गठित किया है.

सरकार ने देश में जाली नोटों की तस्करी और चलन रोकने के लिए केंद्र-राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच जानकारी साझा कराने का फैसला लिया है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने जाली भारतीय करेंसी नोट समन्वय समूह गठित किया है.

आतंकी गतिविधियों के फाइनेंस और जाली करेंसी के मामलों की छानबीन करने के लिए एनआईए में एक विंग का गठन किया गया है. जाली नोटों की तस्करी और परिचालन रोकने के लिए भारत और बांग्लादेश के बीच एक समझौता हुआ है.