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भारत के इन जगहों पर यहां के लोगों को ही जाना मना है




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भारत का कोई भी नागरिक घूमने फिरने के लिए देश के किसी भी हिस्से में जा सकता है. देश का संविधान यहां के नागरिकों को ये अधिकार देता है कि वो देश के भीतर जहां चाहे घूमे फिरे. लेकिन क्या सच में ऐसा है? आपको शायद यकीन न हो लेकिन हमारे भारत में ही ऐसी कई जगहें हैं, जहां भारतीयों को ही जाना मना है. आप चाहकर भी वहां नहीं जा सकते.

उन जगहों पर भी भारत सरकार का ही कानून चलता है लेकिन फिर भी वहां, यहां के नागरिकों को जाने की मनाही है. उन जगहों पर सिर्फ विदेशी जा सकते हैं. ये हैरानी की बात है कि भारत की धरती पर मौजूद उन हिस्सों में विदेशी जा सकते हैं लेकिन भारतीय नहीं. कई मौकों पर इसको लेकर विवाद भी हुए हैं. लेकिन भारतीयों को जाने की मनाही वहां अब भी जारी है. आइए कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में जानते हैं.

सेंटिनल द्वीप, अंडमान

बंगाल की खाड़ी में मौजूद सेंटिनल अंडमान द्वीप का हिस्सा है. सेंटिनल द्वीप घने जंगलो से भरा है. यहां बहुत थोड़े से सेंटिनल आदिवासी रहते हैं. सेंटिनल आदिवासी बाहरी दुनिया के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहते. वो बरसों से इस इलाके में अकेले रह रहे हैं. मिलने-जुलने को लेकर वो इतने प्रतिरोधी हैं कि कई बार बाहरी दुनिया के लोगों को देखकर उन्होंने हमला कर दिया.

2018 में इस इलाके में कदम रखने की वजह से एक अमेरिकी नागरिक जॉन ऐलेन को जान से हाथ धोना पड़ा. उसके बाद सेंटिनल आइलैंड की जबरदस्त सुर्खियों में आ गया. 30 हजार साल से भी पुराने सेंटिनल आदिवासियों के साथ कुछ मौकों पर बाहरी दुनिया का कॉनटैक्ट हुआ है. लेकिन उनके प्रतिरोध की वजह से ही भारत सरकार ने भी इस इलाके में किसी के जाने पर पाबंदी लगा दी. कहा जाता है कि सेंटिनल लोग इतने खतरनाक होते हैं कि वहां जाने वाले लोगों को मारकर खा जाते हैं.

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सेंटिनल द्वीप

फ्री कासोल कैफे, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश का कासोल गांव एक पर्यटक स्थल है. यहां बड़ी संख्या में इजरायली पर्यटक आते हैं और लंबे समय तक रहते हैं. इस इलाके में ज्यादातर आपको इजरायली सैलानी ही दिखेंगे. इसी वजह से कासोल को मिनी इजरायल भी कहा जाता है. हशीश जैसा नशा यहां आसानी से मिल जाता है. कहा जाता है कि नशे के लिए ही इजरायली यहां आकर रहते हैं.

कासोल में ही है एक इजरायली कैफे जिसका नाम है- फ्री कासोल कैफे. यहां आपको हर जगह हिब्रू भाषा में लिखे बैनर-पोस्टर दिख जाएंगे. यहां इजरायलियों का पसंदीदा खाना मिल जाएगा. 2015 में ये कैफे उस वक्त चर्चा में आ गया, जब एक भारतीय महिला को कैफे ने सर्व करने से मना कर दिया. बताया गया कि इस कैफे के भीतर पासपोर्ट देखकर ही जाने दिया जाता है.

इस कैफे में अपने साथ हुई घटना की कहानी महिला ने फेसबुक पर शेयर की. जिसके बाद इसकी कहानी वायरल हो गई. इस कैफे को लेकर लंबे-लंबे लेख लिखे गए. बताया गया कि कासोल की एक महिला ने इस जगह को एक इजरायली को लीज पर दे रखा है. उसने सिर्फ इजरायलियों को ध्यान में रखकर यहां की व्यवस्था कर रखी है. इसलिए स्थानीय लोग यहां जाना पसंद भी नहीं करते हैं.

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फ्री कसोल कैफे

गोवा में सिर्फ विदेशियों के लिए बीच

गोवा में मौजूद कुछ बीच को Foreigners only Beach कहा जाता है. यहां पर भारतीयों का जाना मना है. इन बीच पर Foreigners only लिखा होता है. इन बीचों पर विदेशी सैलानी बिकिनी और शॉर्ट्स पहनकर घूमते रहते हैं. कहा जाता है कि भारतीय पुरुषों से बचाने के लिए उन्हें इन जगहों पर जाने की इजाजत नहीं दी जाती. गोवा के कई बीचों पर ऐसा होता है.

अंजुना बीच एक ऐसा ही बीच है, जहां भारतीय नहीं देखे जाते. इन बीचों की रखवाली गोवा के स्थानीय लोग ही करते हैं. वहां देशी पर्यटकों को जाने नहीं दिया जाता है. कई जगहों पर स्थानीय गुंडों की मदद से वहां लोकल सैलानियों को जाने से रोका जाता है. गोवा में विदेशी पर्यटकों के ज्यादा से ज्यादा आने को प्रेरित करने और उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाने के लिहाज से ऐसे कदम उठाए जाते हैं.

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गोवा के कुछ बीच पर नहीं जा सकते भारतीय

पॉन्डिचेरी में सिर्फ विदेशियों के लिए बीच

पॉन्डिचेरी में भी कुछ बीच ऐसे हैं, जिन्हें Foreigners only Beach कहा जाता है. यहां भारतीय सैलानियों को जाने से रोका जाता है. पॉन्डिचेरी में फ्रेंच और भारतीय वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है. लेकिन गोवा की तरह ही यहां के कुछ इलाकों में भारतीयों को जाने नहीं दिया जाता है. इन इलाकों के रेस्टोरेंट मालिक और स्थानीय लोग भी देशी सैलानियों को वहां जाने से रोकते हैं.

चेन्नई के कुछ लॉज और हॉस्टल

चेन्नई में कुछ ऐसे लॉज और हॉस्टल हैं, जिन्हें सिर्फ अप्रवासियों के लिए बनाया गया है. इनके वेबसाइट को आप चेक करेंगे तो आपको लिखा मिलेगा कि ये भारत में अपने तरह का एकलौता हॉस्टल है, जो सिर्फ भारत आने वाले अप्रवासियों के लिए बनाया गया है. यहां पासपोर्ट के आधार पर रहने की अनुमति मिलती है. इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के इन हॉस्टल और लॉज में भारतीय सैलानियों को प्रवेश निषेध रखा गया है.

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