Home समाचार छत्तीसगढ़ में थर्मल पॉवर प्लांट की जमीन से सोलर एनर्जी की योजना..

छत्तीसगढ़ में थर्मल पॉवर प्लांट की जमीन से सोलर एनर्जी की योजना..




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

छत्तीसगढ़ में बंद किए गए एक सरकारी थर्मल पॉवर प्लांट की जमीन से सोलर एनर्जी के उत्पादन की संभावना तलाशी जा रही है। हालांकि बंद किए गए संयंत्र की जमीन को खाली करने में अभी वक्त लग सकता है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि बंद की गई चार यूनिटों के साथ दो और यूनिट हैं, जो चालू हैं।

इस बीच बिजली कंपनी प्रबंधन में खाली होने वाली जमीन के उपयोग को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई है। बिजली कंपनियों के अध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला ने बताया कि जमीन के उपयोग को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, इसमें वक्त लग सकता है। वैसे सोलर यूनिट की स्थापना बेहतर विकल्प हो सकता है।

53 वर्ष पुरानी हो चुकी थी यूनिटें

बिजली अफसरों के अनुसार कोरबा पूर्व संयंत्र की कुल स्थापित क्षमता 440 मेगावॉट थी। इसमें 50-50 मेगावॉट की चार और 120 मेगावॉट की दो यूनिटें शामिल हैं। 50 मेगवॉट के पहले संयंत्र से करीब 53 वर्ष पहले 22 अक्टूबर 1966 में उत्पादन शुरू हुआ था। दूसरी यूनिट 1967, तीसरी और चौथी यूनिट 1968 में चालू हुई। वहीं 120 मेगावॉट की दो यूनिटें क्रमश 1976 और 1981 में शुरू हुई।

तीन वर्ष से बंद था उत्पादन

50 मेगावॉट की चारों यूनिटों से करीब तीन वर्ष से उत्पादन बंद था। पुरानी होने की वजह से इन संयंत्रों से उत्पादन महंगा पड़ रहा था। साथ ही प्रदूषण भी अधिक हो रहा था। इसी वजह से 2017 के पहले इन यूनिटों को बंद कर दिया गया था। अब सरकार ने आधिकारिक स्र्प से इन संयंत्रों को बंद करने की घोषणा के साथ खाली होने वाली जमीन के उपयोग के लिए बिजली कंपनी प्रबंधन को अधिकृत किया है।

इस वजह से सोलर पर विचार

छत्तीसगढ़ में निजी और सरकारी क्षेत्र के छोटे-बड़े करीब दो दर्जन थर्मल पॉवर प्लांट चल रहे हैं। इनकी कुल उत्पादन क्षमता 22 हजार मेगावॉट से अधिक है। थर्मल प्लांट्स के कारण न केवल प्रदूषण का खतरा रहता है बल्कि वहां से निकलने वाली फ्लाइ एश भी बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऐसे में सरकार अब नए थर्मल प्लांट के पक्ष में नहीं है। चूंकि प्लांट औद्योगिक क्षेत्र में है और आसपास दूसरे पावर प्लांट है। इस वजह से वहां सोलर संयंत्र को ही बेहतर विकल्प माना जा रहा है।

छह एकड़ जमीन पर एक मेगावॉट का संयंत्र

गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के जानकार अफसरों के अनुसार एक मेगावॉट का सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए करीब छह एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में 200 मेगावॉट के थर्मल यूनिट को बंद करके वहां बड़े सोलर प्लांट की स्थापना की जा सकती है।